READ MORE : #sehatsudharosarkar उदयपुर में अस्पताल खुद पड़े हैं बीमार, कहीं चिकित्सक नहीं तो कई जगह संसाधन की कमी दक्षिणी सुन्दरवास निवासी केसरसिंह पति प्रीतमसिंह यादव व उसके पुत्र आशु ने नगर निगम व आयुक्त के विरुद्ध प्रार्थना पत्र पेश कर बताया कि सुन्दरवास स्थित विद्यार्थी व्यायामशाला पर उनका 40 वर्षों से कब्जा है। गत दिनों नगर निगम ने उस पर कब्जा कर अपना ताला लगा दिया। नगर निगम के अधिवक्ता अशोक सिंघवी ने बताया विधि के अनुसार निगम ने वादी को नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 245 के तहत नोटिस देकर मूल दस्तावेज तलब किए। वादी ने सार्वजनिक व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है जो नगर पालिका अधिनियम में दंडनीय अपराध है। वादी ने न्यायालय को बताया कि उनके वहां पर एक कर्मचारी कार्यरत था, जो दस्तावेज चुराकर ले गया। इस सम्पत्ति के आवंटन, पट्टा व पत्रावली आवंटन के लिए नगर निगम में प्रार्थना पत्र पेश किया, तो वहां से उन्हें फाइल घूम होने की जानकारी दी गई। आवेदन के बावजूद निगम ने उन्हें पट्टा नहीं दिया जबकि उन्होंने सम्पत्ति पर पानी के बिल भी पेश किए। निगम ने जवाब दिया कि बिल अन्य स्थान के है, तीन बार नोटिस के बावजूद अब तक कागज पेश नहीं किए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सिविल न्यायालय शहर उत्तर के पीठासीन अधिकारी ज्योत्सना मीणा ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।
विद्युत चोरी के आरोपित को जेल इधर, विद्युत चोरी के मामले में जुर्माना नहीं जमा कराने पर विद्युत थाना पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया जिसे न्यायालय ने जेल भेज दिया। अधिशासी अभियंता सतर्कता ने 26 जून, 2015 को शिशवी गांव में दूदा पुत्र रामाजी डांगी के मकान पर आकस्मिक जांच की। इस दौरान वहां पर बिजली चोरी मिलने पर टीम ने 14,526 रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं जमा करवाने पर 4 फरवरी 2016 को आरोपित के विरुद्ध विद्युत थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। थानाधिकारी जाकिर हुसैन ने आरोपित को जुर्माना जमा करवाने के लिए कई बार मौका दिया, लेकिन उसने हर बार अनसुना कर दिया।