अगर शहर में लोग नहीं मानते और नियमों की अवहलेना करते है तो यह ठीक नहीं होगा। ऐसे में संक्रमण बढ़ता है तो फिर उन क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन व लॉकडाउन की तैयारी हो सकती है।
वैसे कंटेनमेंट जोन का मतलब यह होता है कि एक ही क्षेत्र में काफी संख्या में संक्रमित केस आते है, संक्रमण ज्यादा बढ़ जाता है तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाता है। उदयपुर के कांजी का हाटा पहले कंटेनमेंट जोन में ही था, उससे सूरजपोल सहित कुछ अन्य थाना क्षेत्र को उस जोन में शामिल कर दिया गया था। कंटेनमेंट जोन बनते ही लॉकडाउन लग जाने से सभी प्रभावित होते है लेकिन ऐसा होता है तो उसके लिए लोगों की लापरवाही ही जिम्मेदारी होती है। लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल की पूरी पालना करनी होगी ताकि लॉकडाउन से बच सके।