थानाधिकारी प्रवीण सिंह जुगतावत ने बताया कि 29 फरवरी को जोरमा निवासी चेनाराम पुत्र रोडाराम गमेती ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी पुत्री बोखाड़ा निवासी फुलकी देवी पत्नी दूदाराम की डिलीवरी हुई और बच्ची तो घर पर है, लेकिन वह नहीं मिल रही है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर पति दूदाराम से पूछताछ की, तो उसने बताया कि फूलकी नवजात को छोड़कर कहीं चली गई। पुलिस ने महिला के आसपास क्षेत्र में तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। घटना के बाद पति मजदूरी करने चेन्नई चला गया। पुलिस ने घर के आसपास परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की, तो घटना के बाद नवजात भी दिखाई नहीं देने की बात सामने आई।
वहीं, चेन्नई से आरोपी एक-दो दिन ही पहले गांव आया। वह अपने परिचित के साथ बैठकर शराब पी रहा था। इस दौरान उसने दोनों की हत्या करने की बात नशे में कह डाली। पुलिस को भनक लगने पर उससे कड़ी पूछताछ की, तो उसने 28 फरवरी को पत्नी फुलकी देवी की शराब के नशे में सिर पर वार कर हत्या कर घर के पीछे दफना देना स्वीकारा। वहीं, दूसरे दिन नवजात को लेकर रिश्तेदारों के पास पहुंचा और उन्हें नवजात को रखने को कहा। लेकिन किसी ने हामी नहीं भरी, इस पर उसकी भी हत्या कर उसी गड्ढे में दफना दिया और फिर बाद में मजदूरी के लिए चेन्नई चला गया। आरोपी पति के चार संतान थी। जिसमें एक पुत्र और दो पुत्रियां पीहर में नाना के यहां रहती हैं। घटना के पहले सादड़ी में मजदूरी करता था। वह पत्नी की डिलीवरी होने पर गांव में आया था।