वरुण ने अपने इंस्टाग्राम पर भावुक नोट में लिखा- कई लोग ये शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी नहीं सुनते। लेकिन लोग ये बात भूल जाते हैं कि बच्चे उन्हें देख रहे हैं। मेरे पिता ने कभी मुझे बिठाकर कुछ नहीं सिखाया। उन्होंने मुझे सिखाने के लिए जीवन जिया। जिससे उन्होंने ऐसी मिसाल पेश की, कि मैंने उसे माना क्योंकि कोई दूसरा रास्ता ही नहीं था। अगर आपको लगता है कि मैं अच्छा कलाकार हूं, तो इसके पीछे वो ही हैं। अगर मैं कुछ लिखता हूं तो इसका क्रेडिट उन्हें जाता है। अगर मुझमें सिंगिंग की उनका थोड़ी काबिलियत होती तो मैं गायक बन जाता। मैं दिल्ली छोड़कर इसीलिए मुंबई पहुंचा था क्योंकि लोग मुझे कंपेयर करते थे। जज करते थे।
वरुण ने आगे कहा कि मेरे पिता ने मुझसे खुद की पहचान बनाने के लिए कहा था। उन्होंने हमेशा मुझसे अपने कमफर्ट जोन से बाहर निकलकर काम करने के लिए कहा। बहुत कम लोगों को ये बात पता है कि मेरे पिता एक पत्रकार भी थे। उन्होंने पूरी दुनिया घूम ली थी। वो ऑल इंडिया रेडियो के लिए 400 से ज्यादा नाटक कर चुके थे। वो बहुत शानदार एक्टर थे। साथ ही वो इतने बेहतरीन गायक थे कि बस उन्हें सुनते जाओ। एक ऐसे पिता, जो हमेशा देख रहे हैं और सुनते हैं। उनकी विरासत हमेशा रहेगी। 1936 से 2020। बता दें कि वरुण के पिता ने अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी 2 में भी काम किया था।