अनुज से इम्प्रेस हुए अनुपमा के घरवाले
अनुपमा पूरे परिवार के साथ अनुज कपाड़िया के घर के पहुंचती है। जहां अनुज सबको नाश्ता सर्व करता है। ये देख समर कहता है कि आज तक उसने अपनी मां को ही सर्व करते हुए देखा है। पहली बार उन्हें कोई सर्व कर रहा है। अनुज कपाड़िया के प्रसाद और नाश्ता बहुत पसंद आता है। सभी अनुज कपाड़िया से उनके कुक के बारें में पूछते हैं। तभी अनुज बताता है कि ये खाना उन्होंने ही बनाया है। सभी अनुज की जमकर तारीफ करते हैं। बॉ भी ये देख काफी इम्प्रेस हो जाती है।
अनुज की तारीफ सुनकर जला वनराज
वनराज और पारितोष भी अनुज कपाड़िया के घर पहुंचते हैं। पारितोष वनराज को रोकने की कोशिश करता है, लेकिन वनराज मानता नहीं है। अनुपमा और उसका सारा परिवार अनुज और काका संग मस्ती कर रहे होते हैं। समर अनुज से गिटार बजाने की बात भी कहता है। अनुज बताता है कि वो गिटार बजाता है। अनुज की तारीफ सुनकर वनराज जल जाता है। अनुज सभी को कॉलेज के बारें में भी बताते हैं। इस बीच अनुपमा बताती है कि अनुज कपाड़िया पंजे में सबको हरा देता था। काका मामा से कहते हैं कि वो लड़ाएंगे पंजा, लेकिन मामा जी कहते हैं कि उनकी कलाई में दर्द है।
अनुज-वनराज ने लड़ाया पंजा
तभी वनराज कहता है कि उसकी कलाई में दर्द नहीं है। वनराज अनुज के घर आता है गणपति का आशीर्वाद लेता है। तभी स्वीटी अनुज से वनराज संग पंगा लगाने को कहती है, लेकिन अनुज मना कर देता है। तभी पारितोष कहता है कि उसकी कलाई पर मोच आ गई है। ये सुनकर काका अनुज को फोर्स करते हैं कि वो ये पंजा लड़ाए। वनराज और अनुज पंजा लड़ाने के लिए बैठते हैं। ये देख अनुपमा परेशान हो जाती है। गेम शुरू होता है और सभी अनुज और वनराज को चीयर करने लगते हैं। समर अनुज का साइड लेता है। ये देख पारितोष समर को कहता है कि वो पापा के होते हुए अनुज का साइड क्यों ले रहा है? समर कहता है कि जब पापा मम्मी के खिलाफ जाकर पूरी दुनिया का साथ दे सकते हैं तो वो क्यों नहीं दे सकता।
मुंबई जाएगी अनुज संग अनुपमा
वनराज पंजा लड़ाते हुए कहता है कि वो कभी हारा नहीं है। अनुज भी कहता है कि हारने की आदत उसे भी नहीं है। तभी वनराज जीत जाता है। ये देख सभी खुश हो जाते हैं। तभी अनुज के पास ऑफिस से फोन आता है। अनुज अनुपमा को बताता है कि उसे नए प्रोजेक्ट के लिए मुंबई जाना होगा। ये सुनकर वनराज और बॉ हैरान और परेशान हो जाते हैं। अनुज बताता है कि मुंबई में उसका एक होटल है। अगर वो वहां जाएगी तो अपने होटल के बारें में भी कुछ सीख जाएगी। काका बॉ को समझाते हैं कि वो रसोई घर खाना बनाया जाता है, लेकिन सब्जी लेने के लिए बाज़ार जाना ही पड़ता है।
अनुपमा के मुबंई जाने से गुस्सा वनराज-बॉ
पारितोष अनुज को कहता है कि उसकी मां उनके साथ नहीं जा पाएंगी। पारितोष को अनुज समझाता है उसकी मां इतनी तो बड़ी है कि वो अपना फैसला खुद ले सकती हैं। अनुपमा थोड़ा टाइम लेती है और अनुज से पूछती है कि कितने बजे सुबह निकलना होगा। ये सुनकर जहां अनुज खुश हो जाता है। वहीं वनराज, बॉ और पारितोष गुस्सा हो जाते हैं। काव्या मन ही मन सोचती है कि वो लोग घर से भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और अनुपमा मुंबई जानें की सोच रही है।
अनुज समझा अनुपमा की परेशानी
अनुपमा अपने परिवार के साथ अनुज के घर से निकलती है। उसके बाद अनुज बताता है कि कैसे महिलाओं के लिए नई जिंदगी जीने के लिए खुद से लड़ाई करनी होती है। अनुज बताता है कि उसके लिए मुंबई जाने के हवाई जहाज पकड़ना है, लेकिन अनुपमा के लिए नई उड़ान भरना काफी मुश्किल है।
बॉ ने किया अनुपमा संग बदतमीजी
अनुपमा घर पहुंचती है। बाबू जी को दवाई देती है। तभी बॉ आती है और अनुपमा के हाथ से दवाई का डिब्बा छीन लेती है। बॉ अनुपमा को ताना मारती है कि वो बाहर पराए मर्द के साथ घूमे वो अपने पति और परिवार को संभाल लेगी।
( Precap– काव्या वनराज से कहती है कि कोई नहीं सोच सकता था कि रसोआ में थेपले बेलने वाली अनुपमा मुंबई जाकर मीटिंग करेगी। अनुपमा बाबू जी और स्वीटी को बताती है कि उसका बचपन से ही सपना था कि वो समंदर देखे और हवाई जहाज में बैठे। बॉ अनुपमा कहती है कि अगर उसने कुछ उसके साथ गलत किया तो? अनुपमा कहती है कि अगर उसे किसी ने भी छूने की कोशिश की तो वो उसका हाथ उखाड़कर उसके हाथ में दे देंगी।)