बाबू जी रिश्तोंदारों से पैसा वापस लेने
अनुपमा घर आती है। अनुपमा बॉ से पूछती है कि बॉ कहां हैं? तो बॉ बताती है कि वो सूरत गए हैं। जिन लोगों को उन्होंने उधार दिया था। वही वापस लेने गए हैं। ये सुनकर अनुपमा और वनराज काफी दुखी हो जाते हैं। काव्या कहती है कि अगर बाबू जी गए हैं तो अच्छा ही है। उनकी वजह से ही ये सब हुआ है। वनराज काव्या को डांटता है। तभी अनुपमा वनराज को कहती है कि उसे पैसों को लेकर कुछ बात करनी है।
नंदनी कही समर से दिल छू लेने वाली बात
वहीं समर और नंदनी आपस में बात कर रहे होते हैं। तभी नंदनी कहती है कि उसे कोई बात करनी है। बस वो गुस्सा ना करें। नंदनी समर को अपने पास रखा हुआ एक हार दिखाती है। नंदनी बताती है कि उसे ये हार उसकी नानी ने दिया था। जिसका मार्किट वैल्यू काफी अच्छी है। नंदनी कहती है कि वो इसे पहनती भी नहीं है। बेचकर कम से कम 2 3 लाख मिल जाएंगे।
समर ये देख इमोशनल हो जाता है और कहता है कि जिस तरह की लड़की वो ढूंढ रहा था। वो उसे मिल गई है। नंदनी कहती है कि वो चाहती है कि उसका परिवार बस खुश रहे बस। समर कहता है कि अगर आखिर तक में कुछ नहीं हुआ तो वो उससे वो हार ले लेगा।
लोन के पैसे को लेकर अनुपमा ने की बात
वहीं अनुपमा परिवार के साथ बैठकर बताती है कि बैंक उसे पैसा देने के लिए तैयार है। लेकिन उसे कारखाने को गिरवी रखना होगा। साथ ही गहने बेचकर 5-6 लाख भी इक्ट्ठे हो जाएंगे। फिर थोड़ा बहुत बाहर से उधार ले लेंगे। वनराज बताता है कि अगर बाहर से पैसा लेंगे तो उस पर ब्याज बहुत ज्यादा होगा। अनुपमा कहती है कि पैसा चुकाना पड़ेगा ही। अनुपमा पूरे परिवार को समझाती है कि जब डूब रहे हैं तो हाथ-पैर मारने पड़ेंगे ही। काव्या वनराज को कहती है कि कहीं वो किसी और मुसीबत ना पड़ जाएं। वनराज कहता है कि उसकी चिंता बिल्कुल ठीक है। लेकिन फिर भी कुछ ना कुछ करना पड़ेगा।
बॉ और अनुपमा के बीच हुई खास बातचीत
अनुपमा अपना काम कर रही होती है। तभी बॉ आती है और अनुपमा को पानी देती है। बॉ अनुपमा से पूछती है कि वो क्या कर रही है। अनुपमा बॉ मिलकर फिर गिनने लगते हैं कि लाख में कितने जीरो होते हैं। अनुपमा बताती है कि कैसे उसने कभी ये सोचा नहीं कि जीरो कैसे किसी की कीमत बढ़ा देते हैं। जीरो गिनने के बाद बॉ कहती है कि अनुपमा तुम अपने आगे मुझे रख दो, अनुपमा इस बात पर कहती है कि वो ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि वो जीरो है। बॉ कहती है कि काफी समय तक सोचती थी कि वो जीरो है। जो कि उनकी गलती थी। अनुपमा और बॉ कहते हैं कि मिलकर वो जीरो का बोज कम करेंगे।
किंचल के बॉस ने की बदतमीजी
किंचल ऑफिस में बैठी होती है। तभी उसका बॉस उसके बहुत करीब आ जाता है। ये देख किंचल घबरा जाती है। किंचल को उसका बॉस कहता है कि वो ऐसा कहां खोई हुई थी जो उसे उसकी आवाज़ तक नहीं सुनाई दी। किंचल बता रही थी कि वो म्यूजिक सुन रही थी इसलिए उसे सुनाई नहीं दिया। इसी बीच किंचल का बॉस उसे कहता है कि वो म्यूजिक सुनते हुए काम करती है। किंचल कहती है कि जब वो परेशान होती है। तब करती है। ऐसे में किंचल का बॉस उसे टच करते हुए कहता है कि ऑफिस में इतना काम भी नहीं है आजकल अगर उसे कोई परेशानी है तो शेयर कर सकती है।
किंचल से बात करते हुए उसका बॉस वनराज और काव्या का उदाहरण भी देता है। वो कहता है कि देखो कैसे वनराज और काव्या अपनी निजी जिंदगी से परेशान थे और फिर जब दोनों को साथ मिला तो आज खुश हैं। ये सुनकर किंचल कहती है कि उसे जरूरी काम है और ऑफिस से निकल जाती है।
ऑफिस से घर आने में लेट हुई किंचल
घर में सभी किंचल को लेकर चितिंत हो जाते हैं। काफी वक्त हो जाता है लेकिन किंचल घर नहीं आती। बॉ कहती है कि वो लेट आती है तो फोन कर देती है। वनराज कहता है कि उसका बॉस उसे काम देकर खुद पार्टी मनाने चला गया होगा। तभी वनराज को याद आता है कि किंचल गाड़ी लेकर भी नहीं गई, क्या पता उसे कैब ना मिल रही हो। वनराज तय करता है कि वो काव्या को लेने जाएगा। तभी काव्या कहती है कि किंचल कोई छोटी बच्ची नहीं है। वो कहीं बिजी होगी और कहीं किंचल के बॉस ने देख लिया तो वो फिर उसे भी जॉब नहीं बुलाएगा। वनराज कहता है कि वो वैसे भी उसे नहीं बुलाने वाला है। वनराज और अनुपमा किंचल को लेने के लिए निकलते हैं।
किंचल को रोता देख घबराए वनराज-अनुपमा
जैसे वनराज और किंचल घर के बाहर आते हैं। वो देखते हैं किचंल कैब से रोते हुए उतर रही है। अनुपमा-वनराज किंचल से पूछते हैं कि सब ठीक है? ऑफिस में कुछ हुआ? किंचल बताती है कि वो तोषो से बात करते हुए आ रही थी, इसलिए थोड़ा परेशान है। वनराज कहता है कि वो बात करेगा तोषो से, तभी किंचल मना कर देती है। किंचल अनुपमा और वनराज से कहती है कि वो फ्रेश होने जा रही है। वनराज कहता है कि चलो वो ठीक है। अनुपमा कहती है कि वो ठीक नही है?
फोन की घंटी सुन डरी किंचल
किंचल अपने कमरे में जा ही रही होती है कि तभी उसके फोन पर मैसेज आता है। ये देख वो डर जाती है। वो मैसेज सुनती है तो देखती है कि तोषो का मैसेज आया है। ये देख वो गहरी सांस लेती है। अनुपमा किंचल के कमरे में जाती है और देखती है कि किंचल सो गई। किंचल जानकर एक्टिंग करती है कि वो सो गई। ये देख अनुपमा काफी हैरान हो जाती है। अनुपमा किंचल को प्यार करती है और कहती है कि वो सुबह आकर बात करेगी।
समर को मिला बड़ा प्रोजेक्ट
अनुपमा दूध लेकर आ रही होती है और देखती है सड़क पर खड़े होकर नंदनी और समर लड़ रहे हैं। अनुपमा दोनों को घर लाती है। अनुपमा पूरे परिवार को बताती है कि दोनों ही लड़ रहे थे सड़क पर खड़े होकर। नंदनी बताती है कि समर को इंटरनेशनल प्रोजेक्ट मिला है। जहां उसे डांस सीखना है। काव्या कहती है कि फिर वो जाता क्यों नहीं है? समर कहता है कि अकेले जाना है।
अपनी फैमिली और नंदू से दूर खासकर अपनी मां अनुपमा से दूर जाना है। समर बताता है कि उसने पैकेज देखा है। लेकिन उसके लिए उसकी फैमिली सब है। काव्या कहती है कि वो प्रैक्टिकल सोचे। समर कहता है कि बच्चे विदेश में बस जाते हैं और माता-पिता से दूर हो जाते हैं।
समर नहीं जाना चाहता विदेश
बॉ और वनराज समर को सलाह देते हैं कि वो विदेश जाए। वनराज कहता है कि लाइफ में 5-6 साल ही होते हैं जब वो खुद को साबित कर सकते हैं। बॉ भी कहती है कि वो जाए। अनुपमा बताती है कि उसे नहीं जाना तो ना जाए। लेकिन कम से कम वो सही वजह तो दे। अनुपमा बताती है कि समर इसलिए नहीं जा रहा है क्योंकि वो यहां रहकर उसकी डांस एकेडमी को आगे बढ़ाना चाहता है। काव्या कहती है कि इतनी सी एकेडमी के लिए वो ये ऑफर ठुकरा रहा है। समर गुस्से में काव्या को बताता है कि छोटे से ही बड़े काम की शुरूआत होती है। काव्या कहती है कि सभी बड़े इंसान पढ़-लिखकर बने हैं। उसकी तरह डांस करके नहीं।
वनराज ने लिया समर का पक्ष
वनराज को याद आता है कि कैसे वो समर के डांस करने पर भड़क जाता था। काव्या गुस्से में कहती है कि वो फैमिली, फैमिली ही करता रहता है। इतना ही फैमिली का मन है। तो वो जाकर पैसे कमाए और टैक्स के पैसे चुका दे। ये सुनकर वनराज भड़क जाता है। वनराज कहता है कि ये फैसला समर का ही होगा। उसे जाना होगा तो वो जाएगा नहीं तो नहीं जाएगा। वनराज कहता है कि उसका कोई भी बच्चा छोटी सी उम्र में बोझ उठाए।
वनराज निभाएगा पिता की जिम्मेदारियां
वनराज कहता है कि वो पिता का सारा फर्ज निभाएगा। जब वो छोटा था तब बाबू जी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा कम उम्र में काम करने लगे। वो तो मजबूरी थी जो उसे काम करना पड़ा। वनराज कहता है कि लेकिन उसके बच्चों को ये सब नहीं करना होगा। काव्या कहती है कि इस घर में सभी इमोशनल में पागल हैं। काव्या पूरे घर को सुना कर चली जाती है।
( Precap– किंचल पूरे परिवार को बताती है कि उसने ऑफिस और वो प्रोजेक्ट छोड़ दिया है। काव्या कहती है कि उसे फिर से मिस्टर ढोलकिया ने जॉब पर बुला लिया है। किंचल रोते हुए अपने कमरे में चली जाती है। अनुपमा को किंचल बताती है कि ऑफिस में ढोलकिया की नज़र उस पर ही होती थीं। किंचल रोती है। ये देख अनुपमा फैसला लेती है कि वो ढोलकिया को सबक सिखाएगी। )