क्षेत्र में करीब पचास हजार से अधिक मवेशियों का बिमारियों में उपचार करवाना बहुत मुश्किल हो रहा है। पशुओं के उपचार को लेकर पशुपालकों को वाहनों से लम्बी दूरी तय कर ले जाना बहुत भारी पड़ रहा है। पशुपालकों ने बढ़ती समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
जिम्मेदारों की अनदेखी व उदासीनता से जिले के सीमांत क्षेत्र दत्तवास में खोले गए पशु चिकित्सालय चिकित्सक व कपाउंडर के अभाव में बंद पडा है। दूर-दराज के पशुपालकों की सुविधा को निवाई ब्लॉक से जुड़े उप तहसील दत्तवास में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में तीन साल से पशु चिकित्सक सहित अन्य पद भी खाली चल रहे हैं।
सभी पंचायतें उप तहसील दत्तवास के चिकित्सालय पर निर्भर है। पशुपालकों व पशुओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्धारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का पिछले तीन साल से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं पा मिल रहा है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक मक्खनलाल दिनोदिया का कहना है उप तहसील दत्तवास में करीब तीन वर्ष से पशु चिकित्सक का पद रिक्त है, जिसके लिए राज्य सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में कई बार अवगत करा दिया गया है। जैसे ही आदेश मिलेगें पशु चिकित्सक तैनात कर दिया जाएगा।