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टोंक

पशु चिकित्सालय पर तीन साल से ताला

दत्तवास में पशु चिकित्सालय को लेकर जनप्रतिनिधिओं व प्रशासन की बेरूखी के चलते पशु चिकित्सालय पर तीन वर्ष से ताला लटका हुआ है। पशु चिकित्सालय भवन बंद रहने से जर्जर होता जा रहा है।

टोंकAug 10, 2021 / 03:45 pm

pawan sharma

पशु चिकित्सालय पर तीन साल से ताला

पशु चिकित्सालय पर तीन साल से ताला

निवाई. उप तहसील दत्तवास में पशु चिकित्सालय को लेकर जनप्रतिनिधिओं व प्रशासन की बेरूखी के चलते पशु चिकित्सालय पर तीन वर्ष से ताला लटका हुआ है। पशु चिकित्सालय भवन बंद रहने से जर्जर होता जा रहा है। पशु चिकित्सालय बंद रहने से परिसर में जंगली पेड़-पौधे उग आए हैं। पशुधन पर आधारित पशुपालकों के लिए मवेशियों को पालना मुश्किल हो चला है।

क्षेत्र में करीब पचास हजार से अधिक मवेशियों का बिमारियों में उपचार करवाना बहुत मुश्किल हो रहा है। पशुओं के उपचार को लेकर पशुपालकों को वाहनों से लम्बी दूरी तय कर ले जाना बहुत भारी पड़ रहा है। पशुपालकों ने बढ़ती समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
अब मौसमी बीमारियों को लेकर भी स्थानीय पशुपालक बहुत चिंतित है। क्षेत्र के पशुपालकों की सुविधा के लिए पशु चिकित्सालय में पिछले तीन साल से कोई चिकित्सक नहीं है। चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से पशु चिकित्सालय से जुड़े कई गांवों के पशुपालक भी परेशान हैं। आसपास क्षेत्र में कोई भी पशु चिकित्सालय संचालित नहीं है।

जिम्मेदारों की अनदेखी व उदासीनता से जिले के सीमांत क्षेत्र दत्तवास में खोले गए पशु चिकित्सालय चिकित्सक व कपाउंडर के अभाव में बंद पडा है। दूर-दराज के पशुपालकों की सुविधा को निवाई ब्लॉक से जुड़े उप तहसील दत्तवास में खोले गए राजकीय पशु चिकित्सालय में तीन साल से पशु चिकित्सक सहित अन्य पद भी खाली चल रहे हैं।
उप तहसील क्षेत्र से पचास से अधिक गांवों के एकमात्र पशु चिकित्सालय दत्तवास में स्थापित है। लेकिन पशु चिकित्सक के नहीं होने से पशुपालकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा उप तहसील दत्तवास मे कहीं भी पशु चिकित्सालय संचालित नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पशु टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा।
क्षेत्र में बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवार पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हैं। यहां पशु चिकित्सक व अन्य स्टाफ की कमी से कई ग्रामीणों के बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। दत्तवास उप तहसील में 64 गांव और 12 ग्राम पंचायतें आती है और किसी भी पंचायत में पशु चिकित्सालय नहीं है।

सभी पंचायतें उप तहसील दत्तवास के चिकित्सालय पर निर्भर है। पशुपालकों व पशुओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्धारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का पिछले तीन साल से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं पा मिल रहा है।

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक मक्खनलाल दिनोदिया का कहना है उप तहसील दत्तवास में करीब तीन वर्ष से पशु चिकित्सक का पद रिक्त है, जिसके लिए राज्य सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में कई बार अवगत करा दिया गया है। जैसे ही आदेश मिलेगें पशु चिकित्सक तैनात कर दिया जाएगा।

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