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Scrub typhus : टोंक जिले में स्क्रब टाइफस का प्रकोप, जान लीजिए बचाव के उपाय

Scrub typhus outbreak in Tonk : राजस्थान के टोंक जिले में स्क्रब टाइफस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन और चिकित्सा विभाग सतर्क हो गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियान शुरू कर दिए गए हैं।

टोंकOct 03, 2024 / 06:11 pm

Manoj Kumar

Scrub typhus outbreak in Tonk

Scrub typhus outbreak in Tonk

Scrub typhus outbreak in Tonk : राजस्थान के टोंक जिले में स्क्रब टाइफस (Scrub typhus) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। चिकित्सा विभाग और स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियान शुरू कर दिए हैं। हाल ही में लिए गए सैंपल में 10 मरीजों के स्क्रब टाइफस (Scrub typhus) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जांच के लिए सैंपल जयपुर और टोंक के लैब भेजे गए हैं। गांव की सफाई के साथ ही ग्रामीणों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि इसका फैलाव रोका जा सके।

Scrub typhus outbreak in Tonk : कलेक्टर की सख्त निगरानी और मेडिकल टीमें सक्रिय

टोंक की कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने बताया कि पिछले तीन दिनों से पूरी मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्रों में तैनात है। राज्य की टीम भी इस स्थिति का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। जिले में अगस्त और सितंबर के दौरान 23 मौतों की रिपोर्ट मिली, जिनमें से 16 मौतें दुर्घटनाओं और प्राकृतिक कारणों से थीं। आठ लोगों की मौत में बुखार के लक्षण थे, लेकिन सभी डेंगू निगेटिव पाए गए। इसके बावजूद प्रशासन ने वहां मेडिकल टीमें तैनात कर दी हैं जो घर-घर जाकर सैंपल जांच कर रही हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में लेप्टोस्पायरोसिस भी पॉजिटिव पाया गया है।

Scrub typhus outbreak in Tonk : पशु चिकित्सा अधिकारी की तैनाती और फॉगिंग अभियान

इस (Scrub typhus) बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने व्यापक स्तर पर फॉगिंग शुरू कर दी है। चूंकि यह बीमारी (Scrub typhus) जानवरों पर रहने वाले कीड़ों के काटने से फैलती है, प्रशासन ने एक पशु चिकित्सा अधिकारी को भी तैनात किया है। पशुओं में होने वाली बीमारियों का इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि इंसानों में संक्रमण न फैले। साथ ही, जलभराव वाले इलाकों में एंटीसेप्टिक दवाओं का छिड़काव भी जारी है।

Scrub typhus outbreak in Tonk : गांव-गांव में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण अभियान

स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत समितियों में ई-रिक्शा का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब गांव और कस्बों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्य सड़कों, गलियों और चौराहों पर भी सफाई कार्य तेज कर दिया गया है। मालपुरा विकास अधिकारी को तीन ई-रिक्शा उपलब्ध कराने के लिए सरपंच ने पत्र लिखा है, जिससे गांव में साफ-सफाई सुनिश्चित हो सके।

चिकित्सकीय निगरानी और रेफरल व्यवस्था

प्रभावित क्षेत्रों में बीसीएमएचओ की टीम अगले चार से पांच दिनों तक तैनात रहेगी। लोगों से अपील की गई है कि अगर वे किसी भी बीमारी के लक्षण महसूस करें, तो तुरंत चिकित्सा शिविर में जाकर अपनी जांच कराएं। गंभीर मामलों में मरीजों को तुरंत उच्च चिकित्सा केंद्रों में रेफर किया जा रहा है, जिससे संक्रमण से होने वाली जटिलताओं को रोका जा सके।
टोंक जिले में स्क्रब टाइफस (Scrub typhus) के बढ़ते मामलों के बावजूद प्रशासनिक और चिकित्सा टीमें पूरी तरह से तैयार हैं। जागरूकता अभियान, सफाई और फॉगिंग के साथ-साथ पशु चिकित्सा सेवाएं भी सक्रिय हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे स्वच्छता बनाए रखें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए तुरंत मदद लें।

स्क्रब टाइफस के बचाव के उपाय Preventive measures for scrub typhus

1. स्वच्छता बनाए रखें

  • अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें। कचरा और गंदगी में रहने वाले छोटे कीड़े, जैसे पिस्सू, स्क्रब टाइफस फैलाने वाले बैक्टीरिया को शरीर तक पहुंचा सकते हैं।
  • घर के आसपास के झाड़ियों और घास को नियमित रूप से काटें, ताकि इनमें रहने वाले कीड़े कम हो सकें।

2. सुरक्षात्मक कपड़े पहनें

  • घने क्षेत्रों या खेती वाले इलाकों में जाते समय शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें। लंबी आस्तीन वाली शर्ट और पैंट का उपयोग करें।
  • जूते और मोजे पहनें, ताकि कीड़े आपके पैरों तक न पहुंच सकें।

3. कीटनाशकों का उपयोग करें

  • कीड़ों से बचने के लिए कीटनाशक या रिपेलेंट का उपयोग करें। विशेष रूप से पिस्सुओं से बचने के लिए DEET (डाईइथाइल टोल्यूएमाइड) युक्त रिपेलेंट्स का उपयोग करना प्रभावी हो सकता है।
  • कपड़ों पर भी पर्मेथ्रिन युक्त कीटनाशकों का छिड़काव करें, ताकि कीड़े संपर्क में न आ सकें।

4. पालतू जानवरों का ध्यान रखें

  • पालतू जानवरों की नियमित रूप से जांच करें और उन्हें पिस्सुओं से बचाने के लिए उपचार दें।
  • जानवरों के रहने वाले स्थानों को साफ और सूखा रखें, ताकि पिस्सुओं का प्रकोप कम हो सके।

5. झाड़ीदार और ऊंची घास वाले क्षेत्रों से बचें

  • स्क्रब टाइफस फैलाने वाले कीड़े अक्सर झाड़ीदार और ऊंची घास वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ऐसे स्थानों पर जाने से बचें, खासकर बरसात के मौसम में।

6. निजी सफाई का ध्यान रखें

  • बाहरी काम या यात्रा से लौटने के बाद, कपड़े बदलें और नहाएं। इससे शरीर पर चिपके कीड़ों और पिस्सुओं को हटाया जा सकता है।

7. फॉगिंग और सफाई अभियान

  • अपने इलाके में फॉगिंग और साफ-सफाई का ध्यान रखें। सरकार द्वारा आयोजित सफाई अभियानों में भाग लें और अपने आस-पास की सफाई सुनिश्चित करें।

8. समय पर चिकित्सा जांच कराएं

  • अगर आपको बुखार, सिरदर्द, या त्वचा पर दाने जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती इलाज स्क्रब टाइफस के गंभीर प्रभावों को रोकने में मदद कर सकता है।
इन उपायों को अपनाकर स्क्रब टाइफस से बचाव किया जा सकता है। सावधानी और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण हैं।

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