read more:ससुराल आए युवक का अपहरण कर लूट व मारपीट करने के आरोपी पुलिस पकड़ से दूर इससे उन्हें समय के साथ-साथ अधिक धन खर्च वहन करना पड़ रहा है। सबसे अधिक समस्या बनास नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को आवागमन में हो रही है। उल्लेखनीय है कि मानसून के चलते हुई तेज बारिश के बाद करीब 64 दिन तक खुले बीसलपुर बांध के गेटों से बनास नदी में तेज बहाव से आए पानी के कारण आमा का घाटा रपटा दुसरी बार जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होकर बह गया।
इससे दूनी तहसील सहित आस-पास के गांवों के वाहन चालक व राहगीरों का सीधा एवं कम दूरी से टोड़ारायसिंह सहित मालपुरा व डिग्गी जाने का मार्ग बंद हो गया। अब उन्हें लम्बा चक्कर लगाकर राजमहल-बीसलपुर, दौलता मोड़ व छान होकर लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है इससे समय के साथ-साथ धन की भी बर्बादी हो रही है।
read more:टोंक के अजय मिश्रा को झांसी में कला गुरु अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित गौरतलब है कि रपटा लाखों की लागत से 2016 में बनकर तैयार हुआ ओर उसी साल आई बारिश से खुले बीसलपुर बांध के ्रगेटों से तेज बहाव में आए पानी से रपटा क्षतिग्रस्त होकर बह गया। इसके बाद विभाग ने फिर लाखों की लागत से रपटे का पुन: निर्माण कराया। देवड़ावास सरपंच पुष्पा देवी ने बताया कि रपट के दुसरी बार टूटने की पंचायत समिति देवली को जानकारी दी है।
तकनीकी रिर्पोट आने पर होगी कार्रवाई
लगातार कई दिनों तक उच्चा वेग से बनास में आए पानी के कारण रपटा क्षतिग्रस्त हुआ है। तकनीकी रिपोर्ट बनवाकर कार्रवाई के लिए उच्चााधिकारियों को भेजी जाएगी।
विकास अधिकारी, देवली