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टोंक

राजस्थान के इस गांव में हैं सबसे ज्यादा हॉकी खिलाड़ी, पीटीआई की भी है ‘फौज’

Rajasthan News : हॉकी के प्रति जुनून देखना हो तो टोंक जिले के छोटे से गांव लावा में चले आइए। यहां की आबादी करीब दस हजार है, लेकिन इसे जिले में हॉकी की नर्सरी और खेल गांव के नाम से जाना जाता है। गांव की हर गली में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मिल जाएंगे।

टोंकMar 14, 2024 / 11:32 am

Kirti Verma

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रमाकांत दाधीच

Rajasthan News : हॉकी के प्रति जुनून देखना हो तो टोंक जिले के छोटे से गांव लावा में चले आइए। यहां की आबादी करीब दस हजार है, लेकिन इसे जिले में हॉकी की नर्सरी और खेल गांव के नाम से जाना जाता है। गांव की हर गली में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मिल जाएंगे। यह गांव प्रदेश का पहला ऐसा गांव है, जहां सर्वाधिक शारीरिक शिक्षक है। यहां वर्तमान में 150 से अधिक पीटीआइ है। जो विभिन्न जिलों में पद स्थापित है। एक ग्राम पंचायत क्षेत्र से 400 से अधिक राज्य व राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी देने वाला भी यह राज्य का अकेला गांव है। हॉकी के प्रति लगाव गंगानगर, कोटा, अजमेर और बीकानेर के खिलाड़ियों में देखा जाता है, लेकिन ग्रामीण अंचल में राज्य में इस गांव में इन शहरों से भी ज्यादा खिलाड़ी है। लेकिन सुविधाओं के अभाव में प्रतिभाएं मुरझा रही है।

पहली बार हुआ राज्य स्तरीय हॉकी टूर्नामेंट
यहां हॉकी के प्रति ग्रामीणों की भी रुचि है। वर्ष 2022 में यहां प्रदेश में पहली बार किसी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर राज् यस्तरीय सीनियर हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका बीड़ा ग्रामीणों ने उठाया, जबकि अब तक प्रदेश में सिर्फ उपखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालयों पर ही राज्य स्तरीय सीनियर हॉकी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहा है। कई परिवार तो ऐसे हैं जिसकी तीसरी पीढ़ी हॉकी खेल रही है। एक परिवार में तो दो पीढ़ियों के छह शारीरिक शिक्षक हैं। उनमें जहूरद्दीन के पुत्र शहजाद खान, नसरूद्दीन और शरफूद्दीन तीनों भाई शारीरिक शिक्षक हैं। नसरूद्दीन के तीन पुत्र और एक पुत्रवधू भी शारीरिक शिक्षक है। वहीं कई परिवार ऐसे भी है जिसमें दो भाई, चाचा- भतीजा पीटीआई है। वर्ष 2022 में यहां राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में तत्कालीन खेल मंत्री ने स्टेडियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, जिससे मिनी स्टेडियम बनाया जा सके, लेकिन यह घोषणा थोथी साबित हुई। वो राशि अब तक नहीं आई।


सुविधाओं की कमी
यहां खिलाड़ियों को सुविधा के नाम पर सिर्फ एक मैदान और लोहे के गोल पोस्ट हैं। प्रतिभाओं के लिए यहां उच्च स्तरीय सुविधायुक्त मैदान हो, कोच की व्यवस्था हो तो यहां की हॉकी प्रतिभाएं देश में नाम रोशन कर सकती है। खिलाड़ियों का सपना है कि यहां स्टेडियम के साथ ही एस्ट्रो टर्फ का मैदान हो। जिससे उन्हें अभ्यास में मदद मिले। अभी यहां सपाट मैदान है, जिस पर घास भी नहीं है।

अजमेर का गगवाना गांव : यहां से निकले कबड्डी में 17 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
अजमेर जिले का गगवाना गांव कबड्डी खेल के कारण विख्यात है। कबड्डी के राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ इस खेल से शारीरिक शिक्षक एवं रैफरी तैयार हुए हैं। इस गांव में 4 राष्ट्रीय स्तर के रैफरी रहे हैं। 7 अन्य रैफरी की भूमिका निभा चुके हैं। कबड्डी खेल विशेष के 3 शारीरिक शिक्षक हैं। कबड्डी में 17 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हुए हैं तो 2 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कबड्डी खेल चुके हैं


पंचायत ने अपने स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश की है, लेकिन एस्ट्रोटर्फ जैसा मैदान विभाग तैयार करवाए तो यहां और अच्छे खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।
कमल जैन, सरपंच, ग्राम पंचायत लावा

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