लोकेश ग्रामीणों को जयपुर में अपने आप को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताकर धौंस दिखा रहा था। पुलिस महानिदेशक की प्लेट लगाकर वह लोगों के सामने अपने आप को पुलिस अधिकारी बताकर जरूरत पड़ने पर काम करवाने के बड़े बड़े वादे ठोक रहा था।
लेकिन फर्जी पुलिस अधिकारी बने युवक की बोलचाल और बात करने के तरीका ग्रामीणों की समझ से बाहर था। फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लाल-नीली बत्ती लगी हुई कार में बैठकर घूम रहे युवक को उस समय भारी पड़ गया। जब उसका सामना असली पुलिस अधिकारी से हो गया।
सोमवार की रात करीब नौ बजे निवाई पुलिस उपाधीक्षक मृत्युंजय मिश्रा क्षेत्र में अपराधिक गतिविधियों के विरुद्ध गश्त करते हुए झिलाय जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि जयपुर के एक पुलिस अधिकारी नोहटा की ओर कार में घूम रहा है। इस पर पुलिस उपाधीक्षक मिश्रा को शक हुआ और वह झिलाय होकर नोहटा की ओर रवाना हो गए।
कार पर लाल-नीली बत्ती लगाकर घूमता मिला
सूचना मिलने पर बरोनी थानाधिकारी मानवेन्द्र सिंह भी जाप्ते के साथ नोहटा के लिए रवाना हो गया। पुलिस उपाधीक्षक व बरोनी थानाधिकारी को नोहटा मोड के समीप लाल-नीली बत्ती लगी कार मिली। कार में पुलिस महानिदेशक की प्लेट लगी कार में एक युवक बैठा मिला। जिससे पुलिस उपाधीक्षक मृत्युंजय मिश्रा ने बातचीत की।
पहले बोला- जयपुर में तैनात, लेकिन निकला ट्रैक्सी ड्राइवर
बातचीत में उन्हें लगा कि युवक झूठ बोल रहा है। इस पर पुलिस अधिकारियों ने उससे पूछा आप जयपुर में कहां तैनात है। फर्जी पुलिस अधिकारी बना युवक पुलिस अधिकारियों के सवाल पर सकपका गया और बोला कि जयपुर में मेरी ड्यूटी है। लेकिन, पूछताछ में सामने आया कि वह तो सिर्फ टैक्सी ड्राइवर है। अधिकारी से बात करवाने की कहा तो घबरा गया युवक
अधिकारियों ने तत्काल उससे कहा कि जयपुर में अपने अधिकारियों से बात करवा दो। यह कहते ही युवक घबरा गया और अपनी असलियत उगल दी। डीएसपी मिश्रा ने बरोनी थानाधिकारी को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूम रहे युवक को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। वह जयपुर में टैक्सी चालक है।