यह पानी करीब दो माह तक राजधानी के साथ -साथ अजमेर व टोंक जिले की करीब एक करोड़ की आबादी की लगभग एक माह तक अतिरिक्त जलापूर्ति कर सकेगा। हालांकि बांध परियोजना के अनुसार पूर्व में पूर्ण जलभराव के दौरान भी आवक होती थी। मगर इस बार तेज बारिश को लेकर लगातार अधिक आवक होने से राजधानी के कंठ तर करने के लिए इस बार
मेहरबान मानसून के चलते इस बार एक माह का पानी अधिक आया है।
बीसलपुर बांध के जलभराव में इस बार मानसून की मेहरबानी के चलते पानी की आवक लगातार जारी थी जिसके चलते बांध का गेज गत 13 नवम्बर तक यथास्थिति में बना रहा है। इसके बाद 14 नवम्बर को बांध का गेज एक सेमी घटकर 315.49 आर एल मीटर और 15 नवम्बर को 315.48 आर एल मीटर दर्ज किया गया था। इसके बाद 16 नवम्बर को बिना किसी घटत बढ़त के बांध का गेज 315.48 पर यथास्थिति में बना रहा। वहीं 17 नवम्बर को फिर से एक सेमी घटकर बांध का गेज 315.47 आर एल मीटर दर्ज किया गया है ।