read moreमहाराष्ट्रः कहां है मुश्किल हालात में शरद पवार का ‘मजबूत सहारा’ हालांकि स्पष्ट बहुमत कांग्रेस व भाजपा को नहीं मिला है। ऐसे में शहर के लोगों के लिए चर्चा का विषय निर्दलीय बने हुए हैं। लोग निर्दलीयों का गणित भी लगा रहे हैं कि कितने कांग्रेस व कितने भाजपा के प्रत्याशी सभापति को मतदान करेंगे। गत 19 नवम्बर को हुए मतदान में कांग्रेस को 27 व भाजपा को 23 सीट मिली। वहीं 10 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की। जबकि सभापति चुनने के लिए 31 मतों की आवश्यकता है।
read more:डिप्टी सीएम अजीत पवार का ट्वीट- चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, ऑल इज वेल ऐसे में गत 19 नवम्बर से ही कांग्रेस व भाजपा ने पार्टी पार्षदों के साथ निर्दलीयों के साथ बाड़ा बंदी कर ली है। रविवार को सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस के चलते दोनों ही दल सर्तक हो गए हैं। दोनों ही दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताअपनी-अपनी पार्टी का बोर्ड बनाने का दावा ठोक रहे हैं। यहां तक की वे सभापति को मिलने वाले वोट तक की गिनती बता रहे हैं।
अभी देखा तक नहीं मतदाताओं ने
कांग्रेस व भाजपा की ओर से पार्टी पार्षदों तथा निर्दलीयों की बाड़ा बंदी तो मतदान के बाद से ही कर ली गई, लेकिन हारे हुए प्रत्याशियों को मतगणना के बाद घर भेज दिया गया। ऐसे में वार्ड से खड़े हुए पार्षदों को जीतने के बाद मतदाताओं ने देखा है। उनका स्वागत तक नहीं किया गया। जीते हुए पार्षद भी अब तक वार्ड में तो छोड़ घर तक नहीं आए हैं। वे सभापति के मतदान के बाद ही घर आएंगे। इसके बाद शहर के सभी 60 वार्डों में उनके स्वागत का दौर चलेगा।
read more: municipal elections 2019: दोनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस को नही मिला बहुमत, निर्दलीयों के हाथों में सभापति चयन की कमान सुबह 10 बजे से होगा मतदाननगर परिषद चुनाव में सभापति के लिए मतदान 26 नवम्बर सुबह 10 से दोपहर बजे तक अग्निशमन केन्द्र स्थित सभागार में होगा। इसके तुरंत बाद से ही मतगणना शुरू हो जाएगी। इसके बाद उपसभापति के लिए निर्वाचन 27 नवम्बर को होगा। सभापति मतदान को लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।