उन्होंने लगभग 200 फिल्मों में काम किया, जिनमें 12 हिंदी फिल्में भी शामिल हैं। टेक्नो-म्यूजिशियन का टैग जॉय को तब मिला जब उन्होंने टेक्नोलॉजी के उपयोग का चलन शुरू किया, जिसमें पहली बार साउथ इंडियन सिनेमा में की-बोर्ड का उपयोग भी शामिल था।
त्रिशूर के रहने वाले 77 वर्षीय जॉय ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत अपने गुरु एम.एस. विश्वनाथन के अधीन एक अकॉर्डियन कलाकार के रूप में की, जिन्होंने उन्हें 1975 की मलयालम फिल्म ‘लव लेटर’ में फुल टाइम म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में लॉन्च किया, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद, जॉय ज्यादातर समय चेन्नई में अपने घर पर रहे, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।