निर्देशक जाधव ने ट्वीट के जरिए कहा कि, ‘हमारी फिल्म ‘न्यूड’ को बिना किसी कट के ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया गया ये हमारे लिए बहुत बड़ी बात है’। ज्यूरी टीम ने इसको हरी झंड़ी देकर हमारा उत्साह बढ़ाया है। आप सभी से मिले समर्थन के लिए हम आपको तहे दिल से हमारी पूरी टीम धन्यवाद करती है।
बता दें कि ये फिल्म एक गरीब औरत की कहानी पर बनी है। ये महिला पैसों की तंगी के चलते अपनी घरेलू जरुरतों को पूरा करने के लिए एक अलग रास्ता चुनती है। वो कला के छात्रों के लिए न्यूड(नग्न) मॉडल बनती है।
‘न्यूड’ फिल्म बनाने वाले निर्देशक जाधव ने सेक्स-एजुकेशन मराठी फ़िल्म ‘बालक-पालक’ बनाई है। इसके साथ ही उनकी एक और मराठी फिल्म बालगंधर्व ने 2011 में तीन नेशनल फिल्म अवार्ड अपने नाम दर्ज करवाए। जाधव हमेशा ही लीक से हटकर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं, जिसकी वजह से वो कई बार मुश्किलों में भी घिरे। कुछ समय पहले उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि,‘न्यूड’, विश्व भर की सभी नग्न मॉडलों को समर्पित है, जिन्होंने एक कलाकार को शिक्षित करने के लिए अपने शरीर और आत्मा को अनावृत करने की हिम्मत दिखाई।
वहीं न्यूड फिल्म का एक डायलॉग भी चर्चा में है, “बेटा! कपड़ा जिस्म में पहनाया जाता है, रूह में नहीं। और मैं अपने
काम में रूह खोजने की कोशिश करता हूं।”