पतारी गांव की अहिरवार बस्ती में हुई बैठक मेंसभी ने गांव में शराब बनाने एवं पीने का विरोध किया है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से गांव में अवैध तरीके से शराब बनाने का काम बढ़ता जा रहा था। साथ ही अवैध शराब विक्रय से लोग परेशान थे। ऐसे में गांव के लोगों ने बैठक कर अब इसे सामाजिक अपराध बताया है। गांव के सरपंच प्रतिनिधि प्रतिपाल ङ्क्षसह ने बताया कि शराब से गांव के माहौल को बिगड़ता देखकर लोगों ने इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। गांव में हुई बैठक में सभी ने इसका विरोध करते हुए निर्णय लिया है कि यदि अब गांव में कोई शराब बनाता है तो उस पर 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही पीने वाले पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही यदि जरूरत पड़ेगी तो पूरा गांव मिलकर इस प्रकार का काम करने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी करेगा। विदित हो कि अवैध शराब को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है तो लोग इसे बंद करने खुद ही प्रयास कर रहे हंै।
नहीं दिया जाएगा ठेका विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने शराब को लेकर घोषणा की थी कि यदि किसी गांव या क्षेत्र के लोग सामूहिक रूप से शराब का विरोध करते हैं तो सरकार उस क्षेत्र की शराब दुकान बंद कर देगी। विदित हो कि जिले में शराब को लेकर कई गांवों से आवाज उठ रही है। ऐसे में लोगों ने अपने क्षेत्र की दुकानों को बंद कराने की मांग की है। विदित हो कि इसके लिए लोधी समाज द्वारा पूरे प्रदेश में आंदोलन भी शुरू किया है।