टीकमगढ़

स्टिंगसरकारी अस्पताल से निजी सोनोग्राफी केंद्र पर मरीजों को लेने घूम रहे पांच महिला एजेंट

सरकारी अस्पताल के मरीजो को रोककर बात करती एजेंट।

टीकमगढ़Jan 17, 2025 / 11:34 am

akhilesh lodhi

निजी सोनोग्राफी केंद्र

५० रुपए कमीशन के लिए दिन में चार से अधिक लगा रहे चक्कर
टीकमगढ़. जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु इकाई एमसीएच विंग में सोनोग्राफ ी के पर्याप्त इंतजाम है, लेकिन यहां पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। उनके स्थान पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा आने वाले कछुक मरीजों की सोनोग्राफी की जा रही है, छूटे मरीजों को निजी सोनोग्राफी केंद्र की महिला एजेंट कमीशन के चक्कर में ले जाने का काम कर रही है। जो दिन में चार से अधिक चक्कर लगा रही है। ऐसे पांच से अधिक एजेंट घूम रहे है। इनका स्टिंग ऑपरेशन करने में एक महीने से अधिक समय लगा है। बनाए गए वीडियो में एजेंट निजी सोनोग्राफी सेंटर और जिला अस्पताल में दिखाई दे रहे है।
पत्रिका टीम नवंबर अंतिम सप्ताह से दिसंबर और जनवरी तक सरकारी जिला अस्पताल के सोनोग्राफी केंद्र का स्टिंग कर रही है। इस स्टिंग में दो महिला एजेंट का वीडियो बनाया है। यह एजेंट जिला अस्पताल मैदान, मातृ एवं शिशु इकाई एमसीएच विंग में सोनोग्राफ ी और महिला वार्डों में देखने मिली है और यहीं एजेंट निजी सोनोग्राफी केंद्र पर दिखाई दी है। यह दोनों एजेंट अस्पताल से आने वाली गर्भवती महिलाओं से बात करती हुई वीडियो मिली है। बताया गया कि ऐसे पांच से अधिक एजेंट जिला अस्पताल में घूम रहे है। महिला वार्ड और सोनोग्राफी केंद्र के पास देखने मिल जाएगी।
ऐसे करते है एजेंट काम
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिला अस्पताल में निशुल्क सोनोग्राफी की रिपोर्ट बनाई जाती है। निजी केंद्र पर एक सोनोग्राफी की फीस ५५० रुपए से लेकर ६०० रुपए है। जिसमें ५० रुपए एजेंट और १५० रुपए संबंधित डॉक्टर का रहता है। यह कार्य लगभग दो साल से चल रहा है। जिसकी जानकारी जिला अस्पताल प्रबंधन को है।
२०२० में हुई जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की स्थापना
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में वर्ष २०२० में सोनोग्राफी मशीन लगाई गई थी। रेडियोलॉजिस्ट डॉ भूपेश गुप्ता को पदस्थ किया गया और उसका वर्ष २०२१ में स्थानांतरण कर दिया। इसके बाद जनवरी 2024 में दूसरे रेडियोलॉजिस्ट आ गए। उनका भी स्थानातंरण कर दिया। प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा सोनोग्राफ ी की जाती है। इन्हीं डॉक्टर को ऑपरेशन करने जाना होता है, इस कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
इनका कहना
तीन गायनको लॉजिस्ट की इसके लिए ड्यूटी रहती है। हर प्रसूति महिला की सोनोग्राफी की व्यवस्था है। यदि एजेंट घूम रहे है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. डीएस भदौरिया, आरएमओ जिला अस्पताल टीकमगढ़।

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