टीकमगढ़

तपस्या और साधना करने वालों के लिए अहम है यह मंदिर, ओरछा नरेश ने कराया था इसका निर्माण

siddh baba panchanan temple- मंदिर के पांच अंग हैं और पांचों देव विराजमान…>

टीकमगढ़Aug 03, 2022 / 03:45 pm

Manish Gite

टीकमगढ़। जिले के शिव मंदिरों में सिद्धबाबा का पंचानन मंदिर अपने आप में विशिष्ट है। ऐसा ही एक मंदिर ग्राम टीला में है। वह चंदेलकालीन राजाओं के समय बनवाया गया है, जबकि यह मंदिर ओरछा स्टेट के राजाओं के समय बनवाया गया विशेष मंदिर है। इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर के पांच अंग है और पांचों देव विराजमान हैं।

जिले के अति-प्राचीन मंदिरों में शामिल सिद्धबाबा का मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। कुछ समय पहले यह मंदिर निजी संपत्ति के बीच पहुंच जाने के कारण लोगों की पहुंच से दूर रहा, लेकिन अब इस मंदिर में लोग फिर से पूजन आदि करने लगे है। जो भी टीकमगढ़ आता है वो यहां जरूर दर्शन करने आता है।

 

इन मंदिरों के बारे में जानिएं

इतिहासकार पंडित हरिविष्णु अवस्थी बताते है कि यह मंदिर विशेष मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर के पांच अंग है। इस मंदिर का निर्माण राजशाही दौर में सिद्धबाबा के एक शिष्य के यहां आने पर कराया गया था। ओरछा नरेश एक बार काशी दर्शन करने गए थे और वहां सिद्धबाबा के मंदिर में गए थे। उनसे प्रभावित होकर महाराज ने सिद्धबाबा से टीकमगढ़ आने की विनय की थी, लेकिन उन्होंने खुद न आकर अपने एक शिष्य को यहां भेज दिया था। उसके आने पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया था।

बताया जाता है कि यह मंदिर साधना और तपस्या का केन्द्र था। सिद्धबाबा गिरि-पुरी संप्रदाय के थे। यह लोग यहां पर घंटों साधना करते थे। उनका कहना है कि यह अविवाहित रहते थे। आयु पूर्ण होने पर यह समाधिस्थ हो जाते थे। ऐसे में मंदिर के बाजू में ही कई संतों की समाधियां भी बनी है। उन पर भी शिवलिंग विराजमान है। वर्तमान में यहां पर स्थिति समाधियों को सीमेंट से बनवाकर पुराने शिवलिंग विराजमान किए गए है।

 

यह भी पढ़ेंः

तीन मंदिर अब भी अस्तित्व में

अवस्थी बताते है कि यह पंचानन मंदिर है। हिंदु धर्म में पांच देवता है। शिव, सूर्य, विष्णु, शक्ति (दुर्गा) एवं गणपति। इनमें ऐसे कोई एक हर किसी का इष्ट होता है। ऐसे में अपने इष्ट को केन्द्र में रखकर इन मंदिरों का निर्माण कराया जाता है। सिद्धबाबा के इष्ट भगवान शंकर होने के कारण उनके शिष्य ने मुख्य मंदिर में भगवान शिव को विराजमान किया था। इसके साथ ही मंदिर के चारों कोनों पर अन्य देवताओं के मंदिर बनवाए गए थे। इनमें से तीन मंदिर तो अब भी अस्तित्व में है, एक मंदिर समय के साथ गिर चुका है।

Hindi News / Tikamgarh / तपस्या और साधना करने वालों के लिए अहम है यह मंदिर, ओरछा नरेश ने कराया था इसका निर्माण

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.