मलेरिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि १० फरवरी २०२३ में फायलेरिया दवा लोगों को खिलाई गई थी। वर्ष २०२४ में दवा खिलाने की पहल नहीं की गई। स्टेट कॉर्डिनेटर एनटीडी डब्ल्यूएचओ डॉ. देवेंद्र तोमर, स्टेट कंसल्टेंट फायलेरिया के पवन मेहरा ने टीकमगढ़ जिले में फायलेरिया मरीजों की खोज के लिए ब्लड नाइट सर्वे का शुभारंभ किया है। यह कार्यक्रम रात्रि ८:३० बजे से ११ बजे तक चलाया जाता है। प्रत्येक स्थान से ३०० ब्लड स्लाइड बनाई जा रही है।
बताया गया कि टीकमगढ़ के वार्ड ७, ८ और २० में रात्रि के समय सर्वे किया जा रहा है। इस स्थानों से १०८६३ लोगों की जांच की जाएगी। वहीं बल्देवगढ़ के खरगापुर, पथरगुवां और सरकनपुर से २५०५२ की ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी। उनका परीक्षण भी किया जाएगा। जिससे फायलेरिया की बीमारी से जिला मुक्त किया जाएगा।
फायलेरिया दवा वर्ष २०२३ में खिलाई गई थी। १८ महीने बाद उसके परिणाम को जांचा जा रहा है। अगर १० फीसदी फायलेरिया संबंधी बीमारी निकलती है तो आगामी दिनों में दवा का सेवन कराया जाएगा।
हरिमोहन रावत, जिला मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।