टीकमगढ़. 31 मार्च के बाद जिले के सभी विभागों में फाइलें टेबलों पर नहीं चलेंगी। अब अधिकारी के साथ ही सभी लिपिकों की टेबलों पर फाइलों की जगह कंप्यूटर और स्कैनर होंगे। सभी फाइलें अब ऑनलाइन आगे बढ़ाई जाएगी। अब सभी विभाग ई-ऑफिस होंगे, तो ई-फाइङ्क्षलग सिस्टम से काम होगा। शासन के निर्देश के बाद कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
एनआईसी के डीईओ अविनाश पाठक ने बताया कि भोपाल के सभी विभागों में ऑनलाइन काम शुरू हो चुका है। ऐसे में अब शेष रहे जिलों में भी यह व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एनआईसी ने एकीकृत लॉगिन प्रणाली परिचय शुरू किया है। इससे सभी विभागों को जोड़ा जाएगा। उनका कहना था कि इसमें सभी विभाग प्रमुख के साथ ही सभी सेक्शन डील करने वाले लिपिकों की आईडी बनाई जाएगी। उनका कहना था कि उनकी मेल आईडी ही उनका लॉगिन होगा। यह काम दो से तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा।
700 के लगभग बनेगी आईडी
अविनाश पाठक ने बताया कि इसके लिए 700 से अधिक आईडी बनाई जाएगी। जिले के सभी 52 विभागों को इससे जोड़ा जाएगा। इन विभागों में कार्यरत अधिकारियों की संख्या ही 150 से अधिक है। इसके साथ ही विभिन्न सेक्शन के लिपिक हैं। वहीं निर्माण से जुड़े विभाग एवं राजस्व कार्यालय में कुछ ज्यादा कर्मचारियों को जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में जिले में 700 के लगभग आईडी बनाई जाएगी।
कागज की होगी बचत ई-फाइङ्क्षलग व्यवस्था होने के बाद से कागज की भी खूब बचत होगी। अनुमान के मुताबिक जिले के सभी विभागों में एक साल में 80 लाख से 1 करोड़ रुपए की स्टेशनरी का खर्च होना बताया जा रहा है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जिला पंचायत में सबसे अधिक स्टेशनरी उपयोग होने की बात कही जा रही है। इस व्यवस्था से विभागों में जहां समय की बचत होगी वहीं कागज पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
काम में होगी सुविधा &यह अच्छा है, सभी ऑफिस ऑनलाइन होने के बाद से काम में सुविधा होगी। लोग कहीं से भी अपना काम कर सकेंगे। सभी विभागों के साथ ही एनआईसी को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए आवश्यक स्कैनर, ङ्क्षप्रटर एवं कंप्यूटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। प्रयास किया जा रहा है कि तीन माह के अंदर यह काम पूरा कर लिया जाए।- अवधेश शर्मा, कलेक्टर, टीकमगढ़।
फाइल रोकना नहीं होगा आसान एकीकृत लॉगिन प्रणाली से काम शुरू होने के बाद अब जिम्मेदार बेवजह अपने पास फाइल नहीं रोक सकेंगे। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम में सब कुछ ऑनलाइन होगा और काम पूरा करने का समय भी निर्धारित रहेगा। ऐसे में यदि कोई बिना वजह के फाइल रोकता है तो ऑनलाइन ही प्रदर्शित हो जाएगा कि किसके पास फाइल रुकी है और कितने दिनों से रुकी है। ऐसे में जवाबदारी तय करना आसान होगा।