ये है ‘टॉफी वाला मंदिर’, बिना चॉकलेट के भगवान नहीं देते कोई वरदान
अक्सर हम घर या मंदिरों में देखते हैं कि जब भी भगवान की पूजा करने की तैयारी की जाती है तो फल, फूल, मिठाई, धूप, अगरबत्ती और चंदन की व्यवस्था की जाती है। उसके बाद जब भगवान की पूजा की जाती है तो फल-फूल से ही उनका भोग लगाया जाता है। लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहां भगवान को चॉकलेट से भोग लगाया जाता है।
यह मंदिर केरल के अलेप्पी में है, जहां श्रद्धालु भगवान को चॉकलेट का भोग लगाते हैं। इस मंदिर का नाम है थेक्कन पलानी बालासुब्रमण्यम। यहां आने वाले भक्तगण भगवान बालासुब्रमण्यम की सेवा में चॉकलेट चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि पूजा के बाद इन्ही चॉकलेट को प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया जाता है।
खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनाम दरअसल, बालासुब्रमण्यम के बालारुप की पूजा होती है, जो मंच मुरुगन के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार मुरुगन को सुब्रमण्य और कार्तिकेय के नाम से जाना जाता है। कार्तिकेय महादेव और देवी पार्वती के पुत्र हैं।
यहां आनेवाले सभी श्रद्धालु भगवान मुरुगन की कृपा पाने के लिए लिए चॉकलेट लेकर आते हैं और मुरुगन पर चढ़ाते हैं लेकिन आज तक कोई यह नहीं बता पाया कि भगवान मुरुगन पर चॉकलेट क्यों चढ़ाया जाता है और यह परंपरा कब शुरू हुई।
स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले भगवान मुरुगन पर पहले बच्चे चॉकलेट चढ़ाते थे क्योंकि माना जाता है कि भगवान मुरुगन के बाल रूप की पूजा की जाती है। शायद यही सोचकर सभी चॉकलेट चढ़ाने लगे, तब से ही यह रिवाज शुरू हो गया।