सबसे पहले हरिद्वार पहुंचें
यहां एक और बात आपको जाननी चाहिए कि आप चाहे दुनिया के किसी भी कोने से आएं, बद्रीनाथ जाने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार ही आना पड़ेगा। क्योंकि हरिद्वार सभी मुख्य परिवहनों के मार्ग से जुड़ा हुआ है। या फिर आप योग नगरी ऋषिकेश भी आ सकते हैं, यहां से भी बद्रीनाथ पहुंचना आसान हो जाता है। अगर आप हरिद्वार में सुबह के बाद आते हैं, तो आपको उसी दिन बद्रीनाथ जाने के लिए कोई भी बस नहीं मिलेगी। हरिद्वार से बद्रीनाथ की यात्रा करीब 316 किलोमीटर है। वहीं योग नगरी ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिए जाने वाला रास्ता 290 किलोमीटर का है। इसके आलावा अगर आप हवाई जहाज से यात्रा करना चाहते हैं तो, इसके लिए आपको आना होगा देहरादून के एयरपोर्ट पर। देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग से बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं।
बद्रीनाथ का किराया
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि हो सके तो ट्रेन के माध्यम से आप हरिद्वार पहुचें। हरिद्वार से बद्रीनाथ जाने के दो तरीके हैं। सबसे सस्ता और अच्छा तरीका बस से है। हरिद्वार से कई बस बद्रीनाथ के लिए चलती हैं। जब आप हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुचते हैं तो, रेलवे स्टेशन के बाहर ही कई टिकट एजेंसी आपको मिल जाएंगी। यहां से आप हरिद्वार से बद्रीनाथ के लिए टिकट ले सकते हैं। इसके अलावा आप हरिद्वार बस स्टेशन जाकर भी बस का टिकट ले सकते हैं। बस से बद्रीनाथ का सरकारी बस सेवा का किराया 550 रुपए से लेकर 600 रुपय तक का है। इसके आलवा अगर आप किसी थर्ड पार्टी से एडवांस बुकिंग करते हैं से भी यहां पहुंच सकते हैं। लेकिन इस निजी सेवा के लिए आपको सरकारी बस किराए से 100 रुपए से लेकर 200 रुपए तक ज्यादा चुकाने होते हैं। इन बस में आपको अपनी पसंद की सीट भी उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा अगर आपको हरिद्वार से डायरेक्ट बस बद्रीनाथ के लिए नहीं मिलती है तो, इसके लिए आपको जोशीमठ जाना होगा। दरअसल बद्रीनाथ जाने के लिए शाम की बस सेवाएं नहीं हैं। रास्ता कठिन होने के कारण यह समय बद्रीनाथ जाने के लिए उचित नहीं है। यदि कोई बस शाम को जा भी रही है, तो उसे जोशी मठ पर ही रोक दिया जाता है। इसलिए आप हरिद्वार से जोशीमठ तक भी पहुंच सकते हैं और यहां से बद्रीनाथ की बस सेवा का लाभ ले सकते हैं। यहां आपको बताते चलें कि जोशी मठ से सुबह-सुबह कई टैक्सी भी संचालित की जाती है। ये 100 रुपए किराया लेती हैं और आपको बद्रीनाथ धाम पहुंचाती हैं।
– हां अगर आप हवाई जहाज से देहरादून पहुंच रहे हैं, तो यहां पहुंचने के बाद सुबह 4 बजे से 7 बजे तक 3 से 4 बसें बद्रीनाथ के लिए संचालित की जाती हैं।
प्राइवेट टैक्सी से यात्रा
यह ऑप्शनल है। आप हरिद्वार ऋषिकेश से बद्रीनाथ जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी का चयन भी कर सकते हैं। बद्रीनाथ तक जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी वाले आपसे 8000 रुपए से 10,000 रुपए तक लेते हैं। ये आपको राउंड ट्रिप में ही बद्रीनाथ यात्रा के दर्शन कराते हैं। पहले दिन ये आपको बद्रीनाथ धाम लेकर जाएंगे, पहले आप बद्रीनाथ जी के दर्शन कर लीजिए। फिर दूसरे दिन ही आप माणा गाँव और आसपास की जगह घूम लीजिए। और शाम तक ये आपको हरिद्वार वापस ले कर आ जाएंगे।
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रुकने की व्यवस्था
बद्रीनाथ में आप 3 तरीके से रुक सकते है। सबसे सस्ता ऑप्शन ये है कि वहां बहुत सारे आश्रम बने हुए हैं जहां, पर आपको 200 रुपए से 300 रुपए में रातभर के लिए रूम उपलब्ध हो जाते हैं। यहां जीएमवीएम का यात्री निवास बना हुआ है और एक होटल देव लोक भी बना हुआ है। अगर आप यात्री निवास में रुकते हैं तो आपकों मात्र 300 रुपए में डोरमेट्री उप्लब्ध हो जाएगा। और अगर आप होटल देवलोक में रुकते है तो आपको यहां पर सेमी डीलक्स और डीलक्स रूम मिल जाते हैं। सेमी डीलक्स का किराया 3800 रुपए है और डीलक्स रूम का 4800 रुपए। अगर आप यहां रुकते हैं तो, आपको यहां नाश्ता, लंच और डिनर सब मिलता है। आप डोरमेट्री या होटल रूम के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं।
– इसके आलावा बद्रीनाथ पर भी कई होटल बने हुए हैं। अगर आप पीक सीजन में जाते हैं तो आपको यहां पर 2500 रुपए से 4000 रुपए तक के रूम मिल जाते हैं। और अगर ऑफ सीजन में जाते हैं तो, आपको 800 रुपए से 1500 रुपए तक में रूम मिल जाएंगे।
बद्रीनाथ यात्रा का सही समय
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए खुलते हैं और 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बद्रीनाथ का मंदिर बिल्कुल पहाड़ों के बीच बना है। सर्दियों में यहां तापमान काफी नीचे आ जाती है। बद्रीनाथ के कपाट अप्रैल से मई के महीने में अक्षय तृतीया पर खोले जाते हैं। वहीं अक्टूबर और नवंबर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कपाट बंद कर दिए जाते हैं। बद्रीनाथ की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है सितंबर और अक्टूबर का। क्योंकि इस समय बहुत कम भीड़ होती है और ऑफ सीजन होने के कारण आप बहुत कम खर्च में बद्रीनाथ की यात्रा कर सकते हैं। जबकि मई और जून महीना बद्रीनाथ तीर्थ यात्रा का पीक सीजन है। वहीं जुलाई अगस्त मानसून सीजन रहता है। इसलिए इस समय वहां जाने से बचना चाहिए। दरअसल पहाड़ों में बरसात होने से भूस्खलन होने की आशंका रहती है। वहीं इनके कारण 3 से 4 दिन का जाम तक लग जाता है। इसलिए इन महीनों में यात्रा करने से बचना चाहिए।
यहां आने कितने दिन का बनाएं प्लान
इसके लिए आपके पास दो विकल्प हैं। अगर आप बस के माध्यम से यात्रा पर जा रहे हैं तो, आपको बद्रीनाथ के लिए 2 रात का ठहरने का प्लान बनाना चाहिए। क्योंकि अगर बस से जाएंगे तो बस से पहले ही दिन आपको 10 से 12 घंटे लग जाएंगे और शाम तक ही आप पहुंचेंगे तो आप बद्रीनाथ के ही दर्शन कर सकेंगे। जबकि, वहां बद्रीनाथ के आसपास भी कई दर्शनीय स्थल हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए।
दूसरा ऑप्शन यह कि अगर आप अपनी प्राइवेट गाड़ी से बद्रीनाथ की यात्रा कर रहे हैं तो, आपको इसके लिए एक दिन और एक रात रुकने की प्लानिंग करनी चाहिए। अगर आप अपनी गाड़ी से जाते हैं तो, आप पहले ही दिन बद्रीनाथ पहुंच जाएंगे और दर्शन कर लेंगे। दूसरे दिन सुबह उठ जाते हंै और बद्रीनाथ के आसपास के दर्शनीय स्थलों पर घूमते हुए ही आपको शाम हो जाएगी। जहां से आप अपने घर वापस लौट सकते हैं।
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खाने-पीने की व्यवस्था
बद्रीनाथ में आपको खाने-पीने की कोई परेशानी नहीं होती। यहां आपको थाली सिस्टम मिल जाता है। 100 से लेकर 150 तक की थाली का खाना आप खा सकते हैं। इसके साथ ही आपको यहां साउथ इंडियन खाना भी आसानी से मिल जाता है।
बद्रीनाथ धाम के दर्शन
जब आप बस स्टॉप से उतरते हैं तो केवल 500 मीटर की दूरी पर बद्रीनाथ धाम है। आप मंदिर पहुंच जाएं। मंदिर परिसर में ही जल कुंड है, यहां आप चाहें तो स्नान कर सकते हें। इसके बाद आप मंदिर में जाकर दर्शन के लिए लगने वाली पंक्ति में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कीजिए। अगर आप मई और जून के महीने में दर्शन करने जा रहे है तो आपको दर्शन करने में 3 से 4 घंटे का इंतजार करना होता है। वहीं ऑफ सीजन यानी सितंबर और अक्टूबर में आप आधे से 1 घंटे में ही दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर के सामने ही बद्री विशाल विराजमान हंै उनके दर्शन कीजिए और लौट आइए। इसके बाद आपको जाना है ब्रह्म कपाल। ब्रह्म कपाल वही जगह है जहां लोग अपने पूर्वजों के पिण्ड दान करते हैं।
बद्रीनाथ मन्दिर के आस पास दर्शनीय स्थल
बद्रीनाथ से 1 किलोमीटर की दूरी पर भारत का आखिरी सीमान्तर माणा गांव पड़ता है। माणा गांव जाने के लिए आप यहां 3 या 4 जगह घूम सकते हैं। आप यहां व्यास गुफा देख सकते हैं। वहां भी दर्शन करने चले जाएं। यहीं गणेश गुफा भी है, वहां भी दर्शन कर सकते हैं। माना ताता है कि यहीं से पांडव स्वर्ग जा रहे थे और भीम ने एक रास्ते में शिला डाल कर नए पूल का निर्माण किया था। वह शिला आज भी आप यहां देख सकते हैं। यहीं पर सरस्वती माता का मंदिर भी बना है और यहीं पर आपको भारत की आखिरी चाय भी पीने को मिल जाएगी। इन सब जगह घूमने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा।आप 1 से डेढ़ घंटे में ही इन स्थानों पर घूम सकते हैं।
बद्रीनाथ के लिए ई-पास की जरूरत
यहां आपको बता दें कि आप कोई भी चार धाम की यात्रा करते हैं तो, आपको ई-पास बनवाना अनिवार्य होता है।इसके लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
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यहां इन बातों का रखना होगा ख्याल
अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा कर रहे हैं तो आप पैकिंग करते समय रेनकोट और थोड़े गर्म कपड़े भी लेकर जाएं।दरअसल पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां मौसम कीाी भी बदल जाता है। ऐसे में आपको अपनी पूरी तैयारी करके ही यहां जाना चाहिए। और हां वहां जाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। अगर आप किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं, तो यह परामर्श आपके लिए बेहद जरूरी है।