वर्षों से सूरती परिवारों में दशहरे पर जलेबी फाफड़े खाने की परंपरा है। सुबह से ही जलेबी फाफड़े की दुकानों पर लंबी कतारें लगी रही। शहर के हलवाइयों ने इसके लिए रात से ही हजारों किलो जलेबी, फाफड़ा तैयार कर रखा गया था और दुकानों पर विशेष काउन्टर लगाए थे।
पूरे दिन काउन्टरों पर कतारे लगी रही। वहीं राजस्थानी व उत्तर भारतीय समुदाय ने विजयादशमी पर विशेष पूजन किया। सुबह लोगों ने विधि विधान से अपने वाहनों, शस्त्रों का पूजन किया फिर विभिन्न माध्यमों से बधाई व शुभकामनाएं दी।
भटार राममंदिर समेत कुछ जगहों पर रावण दहन : भटार स्थित राम मंदिर समेत शहर कुछ सोसायटियों व गली मोहल्लों में रावण दहन का कार्यक्रम किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के निकट स्थित मैदान में रावण का पुतला बनाया गया। सूर्यास्त के समय भगवान राम की सवारी पहुंची और रावण दहन हुआ। आतिशबाजी के धमाकों के साथ बुराई का प्रतीक रावण धूं-धूं कर जला। शहर के अन्य इलाकों व सोसायटियों में भी कुछ संगठनों द्वारा रावण दहन कार्यक्रम किया गया।
मराठी समुदाय ने ‘सोना’ बांटा :
शहर में बसे मराठी समुदाय द्वारा दशहरे पर प्रतिकात्मक विशेष पेड़ों की पत्तियों को सोना मानकर उसे समृद्धि का शगुन के रूप में वितरण किया जाता है। शुक्रवार को दशहरे पर मराठी समुदाय द्वारा एक दूसरे के घर जाकर ‘सोना’ दिया गया।
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