बेड की खासियत
दस किलो वजन वाले साढ़े छह फीट लंबे और साढ़े तीन फीट चौड़े थर्माकोल के बेड को इस तरह बनाया गया है कि वह पूरी तरह कीटणुरहित है। इसके अलावा नमी की कोई समस्या इसके साथ नहीं हो सकती है। यह बेड पानी में गिरने पर भी खराब नहीं सकता और अग्निप्रतिरोधक की भी खासियत है। बेड को फोल्ड करने की सहूलियत के कारण इसे अस्पताल, आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेन्टर में आसानी से रखा जा सकता है। इसे आसानी से सेनेटाइज किया जा सकता है। इसके अलावा थर्माकोल के इस बेड में मरीजों के सामान रखने, पानी की बोतल, दवाएं रखने की पर्याप्त जगह है। इसके साथ ही इंसुलीन का स्लॉट भी इसमें दिया गया है। एक स्टूल भी बेड के साथ है जिसे बैठने के अलावा टेबल की तरह भी उपयोग किया जा सकता है। इस बेड की कीमत फिलहाल ढाई हजार रुपए तय की गई है। इसके साथ ही कंपनी ऑफर भी दे रही है।
कंपनी के पवन जैन के अनुसार कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर बेड तैयार किया गया है। जरूरत पूरी होने पर यदि कोई बेड लौटाना चाहे तो कंपनी 30 प्रतिशत कीमत पर बेड वापस लेगी। बीएनबी ग्रुप की कई कंपनियां हैं और एक यूनिट रोजाना करीब पांच से छह सौ थर्माकोल बेड तैयार कर सकती है।
राजस्थान के चूरू जिले की बिदासर तहसील के चाडवास गांव के मूल निवासी गुलाबचंद जैन और उनके भाई पवन जैन एवं पार्टनर राकेश बोथरा के बीएनबी ग्रुप की ऋषिका पैकेजिंग समेत कई कंपनियां हैं, एक कंपनी जयपुर में भी है। जो मुख्यत: डिस्पोजल उत्पाद तैयार करती हैं। कुछ दिन पहले कंपनी के कामदार थर्माकोल सीट पर बैठे थे। यह देखकर गुलाबचंद जैन को बेड बनाने का विचार आया और कुछ दिन में ही इसे साकार कर दिया। गुलाबचंद जैन बताते हैं कि जिस तरह से देश में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं और कोविड अस्पताल तैयार हो रहे हैं उसमें यह अन्य बेड का बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं।