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सूरत

हड़प्पाकालीन संस्कृति से रूबरू हुए सूरती

कृषि मंगल हॉल में देखने को मिला सोने का पहला नोट

सूरतMar 14, 2020 / 09:21 pm

विनीत शर्मा

हड़प्पाकालीन संस्कृति

हड़प्पाकालीन संस्कृति

विनीत शर्मा

सूरत. कृषि मंगल हॉल में चल रही सिक्कों और नोटों की प्रर्दशनी लोगों को सदियों पुरानी मुद्रा से ही परिचित नहीं करा रही, बल्कि हड़प्पाकालीन संस्कृति से भी लोग रूबरू हो रहे हैं। सोने का पहला नोट हो या एजिलाबेथ की शादी की 50वीं वर्षगांठ पर जारी हुई सोने की डाक टिकट लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है।
हड़प्पाकालीन लकडी की फॉसिल
आयोजकों में एक दिलीप पटेल ने बताया कि प्रदर्शनी में करीब 40 स्टॉल हैं और कोलकाता, पुणे, मुम्बई समेत देश के विभिन्न अन्य हिस्सों से लोग इसमें भाग ले रहे हैं। इससे पहले शहर में इस तरह की प्रदर्शनी चार साल पहले लगी थी। लोगों को इस प्रदर्शनी का इंतजार था।
दयपुर रियासत के तांबे के सिक्के
रिंगरोड स्थित कृषि मंगल हॉल में इन दिनों पुराने सिक्कों, नोटों और अन्य दुर्लभ चीजों की प्रदर्शनी लगी हुई है। 13 मार्च से शुरू हुई इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में लोगों को हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, घोड़ावीरा कच्छ, लोथल, रोजड़ी समेत सदियों पुरानी सभ्यता और संस्कृति से रूबरू करा रही चीजें उत्सुकता जगा रही हैं।
हड़प्पाकालीन तांबे की डांसिंग गर्ल
यूं तो प्रदर्शनी में पुरानी मुद्रा और विशेष सीरीज के नोटों व सिक्कों की खरीद-फरोख्त हो रही है, लेकिन रणजीत चिराणा हड़प्पा और मोहनजोदड़ो समेत अन्य सभ्यताओं को यहां केवल डिस्प्ले के लिए लाए हैं।
हड़प्पाकालीन पत्थरों के हथियार
उनका मकसद लोगों को मनुष्य की पुरानी सभ्यता और संस्कृति से अवगत कराना है। प्रदर्शनी में आए लोगों के लिए यह अचरजभरा था कि हड़प्पा सभ्यता में लोग पत्थरों के हथियार और छोटे से तीर से कैसे किसी पर हमला कर पाते होंगे।
हड़प्पाकालीन तीर
हड़प्पाकालीन तांबे की डांसिंग गर्ल भी लोगों को खूब भाई। साथ ही हड़प्पाकालीन शिवलिंग और नंदी को लोगों ने अचरज और पूरे भक्तिभाव से निहारा।

पहला सोने का नोट
राजस्थान के ही ललित जैन के पास भी दुर्लभ नोट और सिक्के हैं। दुनिया में जारी हुआ पहला सोने का नोट उनके पास है तो इग्लैंड की महारानी के विवाह की 50वीं वर्षगांठ पर जारी हुई डाकटिकट उनके संग्रह का अहम हिस्सा है।
सोने से निर्मित डाकटिकट
यह डाकटिकट सोने से निर्मित है। इसके अलावा विशेष सीरीज के नए-पुराने नोट हों या फिर आरबीआई की गलती से बिना नंबर या त्रुटि से जारी हुए नोट भी प्रदर्शनी में उनकी यूएसपी हैं।
उदयपुर रियासत के चांदी के सिक्के
अहमदाबाद से आए हरीश डी. शाह के पास उदयपुर रियासत के चांदी के सिक्कों की पूरी सीरीज है। तांबे के सिक्के भी उनके खजाने में हैं। इसके अलावा वडोदरा रियासत हो या देश की दूसरी कोई रियासत, उनके पास उस दौर के सिक्कों का पूरा जखीरा मौजूद है।
ढाई रुपए का नोट
प्रदर्शनी में आ रहे खासकर राजस्थान के लोगों को उदयपुर और अन्य रियासतों के सिक्कों का खजाना खूब लुभा रहा है। इसके अलावा अन्य स्टॉल्स पर भी लोग नोटों और सिक्कों की जानकारी जुटा रहे हैं। इनमें एक स्टॉल पर ढाई रुपए का नोट भी खूब लुभा रहा है।

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