सुएज के पानी का खाद बनाने में उपयोग होगा
पानी के अधिक से अधिक इस्तेमाल की दिशा में मनपा एक और अनूठा प्रयोग करने जा रही है। सुएज ट्रीटमेंट के
सूरत।पानी के अधिक से अधिक इस्तेमाल की दिशा में मनपा एक और अनूठा प्रयोग करने जा रही है। सुएज ट्रीटमेंट के बाद बेकार पानी का उपयोग खजोद डिस्पोजल प्लांट की सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में किया जाएगा। इससे रोज एक लाख लीटर पीने के पानी की बचत होगी। मनपा पहले भी इस तरह का प्रयोग टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट और गार्डन में
सुएज ट्रीटमेंट पानी के रीयूज से कर रही है।
खजोद की सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल साइट पर सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट को छह सौ टन घन कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को मंजूरी मिली है। यूनिट में कचरा प्रोसेसिंग कर खाद और बायो गैस बनाई जाएगी। कचरे की प्रोसेसिंग कर उससे खाद बनाने की प्रक्रिया में अवशिष्ट पदार्थ पर लगातार एक महीने तक नमी के लिए पानी का छिड़ाकाव जरूरी होगा। इसके लिए रोज करीब एक लाख लीटर पानी की जरूरत होगी।
इस पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी मनपा की है। मनपा ने यहां सुएज ट्रीटमेंट प्लांट से खाड़ी के जरिए समुद्र में जा रहे पानी को देना तय किया है। इससे जहां एक लाख लीटर पानी की बचत होगी, वहीं सुएज का पानी भी उपयोग में लिया जा सकेगा।
मनपा की गटर समिति की चेयरमैन सुधा नाहटा ने बताया कि मनपा का टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट औद्योगिक यूज का पानी आपूर्ति कर रहा है। इसके अलावा अडाजण के गार्डन में भी दो एमएलडी की टर्शरी लगाने की प्रक्रिया चल रही है। यह तीसरा प्रोजेक्ट होगा, जिसमें पानी की बचत का उद्देश्य भी पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए मनपा प्रशासन खजोद सुएज ट्रीटमेंट प्लांट से कचरा प्रोसेसिंग यूनिट तक जलापूर्ति की लाइन डालेगी, जिस पर करीब 38 लाख रुपए खर्च होंगे।
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