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सूरत

पहले स्पष्ट करो मुआवजा, बाद में करना माप-जोख

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट…अधिग्रहण के लिए जमीन की माप का किसानों ने किया विरोध पुलिस बंदोबस्त के बीच जिला कलक्टर धनोरी गांव पहुंचेआंध्रप्रदेश की पूर्व राज्यपाल और कलक्टर के बीच चर्चा के बाद कार्रवाई रोकी

सूरतJul 31, 2018 / 09:33 pm

सुनील मिश्रा

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पहले स्पष्ट करो मुआवजा, बाद में करना माप-जोख


नवसारी. मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट विवादों में घिरता जा रहा है। सरकार ने जमीन अधिग्रहण को लेकर बगैर मुआवजा नीति स्पष्ट किए असरग्रस्त किसानों की जमीनों की माप-जोख शुरू की है। दक्षिण गुजरात में आए दिन किसान इसका विरोध करते हैं। पिछले कुछ दिनों से इलाके में जमीन मापने का काम नहीं हो पाया है। इस बीच मंगलवार को सुबह नवसारी जिले कीगणदेवी तहसील के धनोरी ग्राम पंचायत में पुलिस बंदोबस्त के साथ जिला कलक्टर किसानों को समझाने पहुंचे। यहां धनोरी गांव निवासी तथा आंध्रप्रदेश की पूर्व राज्यपाल कुमुद जोशी से चर्चा के बाद कलक्टर ने काम को स्थगित कर दिया।
जानकारी के अनुसार जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण के बिना ही जमीन अधिग्रहण का विरोध किसानों में तेज होता जा रहा है। किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। जिले में ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। बुलेट ट्रेन परियोजना में जिले के 29 गांवों की कई हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होगी। इसके कारण प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जमीन मापणी का किसान विरोध कर रहे हैं। उनके विरोध को देखते हुए मंगलवार को धनोरी -चांगा गांव में कलक्टर डॉ. एमडी मोडिया किसानों को समझाने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस बल भी उनके साथ था। इस दौरान इसी गांव की निवासी और आंध्रप्रदेश की पूर्व राज्यपाल कुमुद जोशी भी किसान के तौर पर उपस्थित रहीं। कलक्टर ने कहा कि पहले जमीन मापणी करने दें, बाद में सरकार नियमानुसार मुआवजा देगी। वहीं, किसानों ने मुआवजा को लेकर स्पष्टता के बाद ही यह काम करने की बात कही। किसानों ने कहा कि 2011 से जंत्री नहीं बदली है। पहले उसे बदलें और बाद में जमीन को एनए करने के बाद नियमानुसार मुआवजा तय होना चाहिए। आखिरकार कलक्टर किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन देकर लौट आए।
10 से 12 किसान रहे मौजूद
अधिकारियों के साथ इस क्षेत्र के 10 से 12 किसानों की बैठक हुई, जिसमें बतौर किसान मैं भी उपस्थित रही। किसानों की मांग जायज है। किसान जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन पहले मुआवजा को लेकर सरकार को स्पष्टता करनी चाहिए। जिनके घर जा रहे हैं उन्हें उचित दाम भी मिलना चाहिए।
कुमुद जोशी, पूर्व राज्यपाल, आंध्रप्रदेश

मापणी की हुई चर्चा
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करना है उसी के लिए जमीन मापणी पर चर्चा हुई। किसानों की दरखास्त को सरकार तक पहुंचाएंगे। किसानों को समाझाने का प्रयास किया गया है। किसानों की अनुमति मिलने पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ेगा।
एमडी मोडिया, कलक्टर नवसारी

मेरी आधी जमीन चली जाएगी
मेरी 72 गुंठा जमीन है, उसमें से 36 गुंठा जाएगी। इस बारे में मुझे कोई सूचना नहीं दी और सीधे पंचायत को बताया गया। पाथरी गांव में 6 हेक्टयर जमीन जाएगी। हमारे विरोध के बाद 20 किसानों ने कलक्टर से बैठक की। उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ और वापस मापणी करने आए हैं। सरकार पहले मुआवजा तय करे बाद में मापणी होगी।
दिनेश पटेल, किसान, पाथरी

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