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सूरत

सिकल सेल के निदान के लिए एक उचित ढांचा जरूरी : डॉ. ज्योतिष

– वर्ल्ड सिकल सेल अवेयरनेस-डे

सूरतJun 19, 2023 / 09:38 pm

Sanjeev Kumar Singh

सिकल सेल के निदान के लिए एक उचित ढांचा जरूरी : डॉ. ज्योतिष

सिकल सेल के निदान के लिए एक उचित ढांचा जरूरी : डॉ. ज्योतिष

सूरत. सामान्य लोगों में सिकल सेल के प्रति जागरुकता के लिए हर साल 19 जून को सिकल सेल दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। सिकल सेल पर वर्षो से काम कर रहे चिकित्सकों ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए निदान और उपचार के लिए एक उचित ढांचा होना जरूरी बताया है।
सिकल सेल एनेमिया के विशेषज्ञ डॉ. ज्योतिष पटेल ने बताया कि भारत में 8 प्रतिशत आदिवासी समुदाय है और इतनी ही ओबीसी और अनुसूचित जनजाति सहित अन्य समुदाय सिकल सेल से प्रभावित हैं, तो कुल 16 प्रतिशत आबादी को सिकल सेल परीक्षण के लिए लक्षित है। 2021 की गणना के अनुसार 140 करोड़ आबादी का 16 फीसदी अर्थात 22.4 करोड़ में से 40 साल से कम उम्र के 50 प्रतिशत यानी 11.2 करोड़ लोग होते हैं। यदि प्रतिवर्ष 1 करोड़ पर परीक्षण किया जाता है, तो सिकल सेल की विशेषता वाले 20 लाख लोगों और सिकल सेल रोग वाले 2 लाख लोगों का परीक्षण किया जाएगा। इन दो लाख मरीजों के लिए हर साल 7 करोड़ 30 लाख डोज की जरूरत होती है। इतनी ही मात्रा में फोलिक एसिड की गोलियां लेनी चाहिए। रोगी का स्वास्थ्य और संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों व उस देश की जलवायु, स्वच्छता, आवास, भोजन, पानी जैसे कारकों पर निर्भर करवा है।
कैसे और क्या सावधानी बरतें

डॉ. ज्योतिष ने बताया कि भारत को टाइफाइड के टीके को प्राथमिकता देना आवश्यक है। इसके अलावा मलेरिया सिकल सेल के रोगियों को अधिक नुकसान पुहंचाता है। इससे हीमोग्लोबिन कम होता है और मरीज को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इसलिए रोगी को मच्छरदानी और हर हफ्ते मलेरिया रक्षक दवा से बचाया जा सकता है। सिकल सेल रोगी को शरीर में दर्द होता है, जो कहीं भी हो जाता है।हर मरीज के पास दर्द निवारक गोली होनी चाहिए। मरीज के पास पेरासिटामोल, कोडीन, किटोरोलेक, डायलोफेनाक की पूरी खुराक उपलब्ध होनी चाहिए। सिकल सेल का सामान्य दिखने वाला रोगी अचानक गंभीर हो सकता है, जिसे डॉक्टर द्वारा पहचानना बहुत आवश्यक है। शिशु मृत्यु दर, युवा मृत्यु दर, सिकल सेल रोग से गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर को केवल इलाज से ही कम किया जा सकता है।
क्या है सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक बीमारी है। इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या आकार बदलने लगती है, जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर देती हैं। सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती हैं और खून की कमी हो जाती है। जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है। वहीं शरीर में खून की कमी हो जाने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों के डेमेज होने का भी कारण बनता है। इनमें किडनी, स्पिलीन और लिवर शामिल हैं।
बीमारी के लक्षण

सिकल सेल एनीमिया के मरीज को हर समय हड्डियों और मसल्स में दर्द रहता है। स्पिलीन का आकार बढ़ जाता है। शरीर के अंगों खासतौर पर हाथ और पैरों में दर्द और सूजन आता है। खून नहीं बनता, बार-बार खून की कमी होने के चलते खून चढ़ाना पड़ता है।

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