scriptभले ही दोषी छूट जाए पर निर्दोष को नहीं होनी चाहिए सजा- JUSTICE BHADUDI | Surajpur : Even leaves guilty but not be punished innocent | Patrika News
सुरजपुर

भले ही दोषी छूट जाए पर निर्दोष को नहीं होनी चाहिए सजा- JUSTICE BHADUDI

अंबिकापुर व सूरजपुर जिले में आयोजित ‘फेयर इनवेस्टिगेशन व फेयर ट्रायलÓ विषय पर कार्यशाला को हाईकोर्ट के जस्टिस भादुड़ी ने किया संबोधित

सुरजपुरApr 10, 2016 / 01:56 pm

Pranayraj rana

Workshop

Workshop

बिश्रामपुर. छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी एवं जिला सत्र न्यायालय सूरजपुर के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तर की प्रथम कार्यशाला क्रिमिनल जस्टिस (फेयर इनवेस्टिगेशन एवं फेयर ट्रायल) विषय पर ऑफिसर्स क्लब एसईसीएल बिश्रामपुर में आयोजित की गई।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के न्यायाधीश गौतम भादुड़ी थे। उन्होंने कहा कि भले ही दोषी छूट जाने पर किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथियों के रूप में जिला न्यायाधीश मीनाक्षी गोंडालेे एवं कलेक्टर जीआर चुरेन्द्र उपस्थित थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला से प्रतिभागी को कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस (फेयर इन्वेस्टिगेशन एवं फेयर ट्रायल) का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि भलेे ही कई दोषी छूट जाए परन्तु किसी निर्दोष को सजा नहीं होना चाहिए। विवेचना एवं विचारण सही ढंग से नहीं होने के कारण यदि कोई वास्तविक अपराधी छूट जाता है तो उसका समाज पर विपरीत असर होता है।

इसे दूर करने के लिये यह सेमिनार सेतु का काम करेगा। उक्त कार्यशाला के विषय को लेकर चार गु्रप गठित की गई थी। प्रत्येक ग्रुप में न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, वन अधिकारी व चिकित्सा अधिकारी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपा कटारे द्वारा किया गया एवं आभार संतोष कुमार आदित्य द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के सफल संचालन में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह, अधिवक्ता वीएस मिश्रा, आरके शुक्ला, एसएल गुप्ता, सचिव बलराम शर्मा, विवेक कोन्हेर, अवधेश शुक्ला, अशोक यादव, संजय भारत, सुशील निगम, राजेन्द्र पाठक सहित प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी सक्रिय रहे। उपस्थित थे। उक्त कार्यशाला जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीनाक्षी गोंडाले के कुशल मार्गदर्शन में हुई।

अच्छा न्याय समाज को देता है संबल

अंबिकापुर. निर्दोष को बचाना और दोषी को सजा देना न्यायालय का काम है। यह बातें ‘फेयर इन्वीस्टीशन एंड फेयर ट्रायल’ विषय पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला के दौरान जस्टिस गौतम भादूड़ी ने कहा। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया के दौरान थाने की प्राथमिक रिपोर्ट, डॉक्टर जांच, फोरेंसिक विशेषज्ञ तथ्य एक कड़ी बन कर तस्वीर प्रस्तुत करते हैं।

न्यायालय के वकील की बहस के बाद न्यायविद् निर्णय सुनाते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे न्याय के लिए न्याय की कडिय़ा भी स्वच्छ और मजबूत होनी चाहिए। पुलिस, डॉक्टर, फोरेंसिक विशेषज्ञ और वकील के तथ्यों में जितना स्वच्छता और स्पष्टता होगी उतना ही न्याय समाज को प्रेरित करने वाला होगा। एक अच्छा न्याय समाज को जोड़ता है और निर्दोष को सम्बल देता है। वहीं एक निर्दोष के पीडि़त होने पर समाज का न्याय से विश्वास उठने की आशंका बन जाती है।

कार्यशाला के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके चंद्रवंशी, कलेक्टर ऋ तु सैन, एसपी आरएस नायक, विशेष सत्र न्यायाधीश, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रफूल्ल सोनवानी, अधिवक्ता एसपी तिवारी आदि उपस्थित थे।

Hindi News / Surajpur / भले ही दोषी छूट जाए पर निर्दोष को नहीं होनी चाहिए सजा- JUSTICE BHADUDI

ट्रेंडिंग वीडियो