गौरतलब है कि एक ग्रामीण ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को मोबाइल पर सूचना दी कि एक 12 वर्षीय बालिका का बाल विवाह प्रेमनगर के दूरस्थ ग्राम महेशपुर में सम्पन्न हो रहा है। मण्डप सज चुका है, बाल विवाह रोका जाए। सूचना पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सम्बंधित पर्यवेक्षक से सम्पर्क किया और कहा कि बालिका और बालक के उम्र सत्यापन तत्काल करा कर भजें।
लडक़े के परिजनों को भी दी समझाइश
संयुक्त टीम बाराती पक्ष के घर भी पहुंची। युवक की उम्र 24 वर्ष थी। उसके परिजन को भी समझाइश दी गई कि बालिका बहुत छोटी है। यदि विवाह हुआ तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 1 लाख रुपए जुर्माना और 2 वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है।
संयुक्त टीम में ये रहे शामिल
बाल विवाह रूकवाने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत देखरेख प्रियंका सिंह, प्रभारी परियोजना अधिकारी माया राजवाड़े, थाना प्रेमनगर से प्रधान आरक्षक दौलत राम, आरक्षक बृजेश मांझी, चाइल्ड लाइन से समन्वयक कार्तिकम मजूमदार, टीम मेम्बर शीतल सिंह, आउटरिच वर्कर पवन धीवर एवं हर गोविन्द चक्रधारी शामिल रहे।