प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं
दोरला जनजाति के इन मकान (Dorla Tribe Houses)का प्रोजेक्ट जगदलपुर स्थित मानव विज्ञान सर्वेक्षण के क्षेत्रीय कार्यालय ने भेजा था। इस उपलिब्ध को तब ज्यादा सराहना मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं देते हुए अपने ऑफिशियल ट्वीट पर इसे अंकित किया है। इन मकान के फोटोग्राफ को इस स्पेशल कैंपेन पर प्रकाशित किताब के मुखपृष्ट पर दर्शित किया गया है। जंगल से लाई बल्लियों से कॉलम, बांस की खपिच्चचों से पार्टिशन, मिट्टी से दीवारों की छपाई, फर्श को लीपने गोबर व छत को बनाने के लिए ताड़ के पत्तों का उपयोग किया जाता है।
घर बनाने के पहले इसकी नींव में धान व दलहन जैसे अनाज को डाला जाता है। मान्यता है कि इससे इस घर मे रहने वालों को धन- धान्य की कमी नहीं होगी। इन इलाके में गर्मी व बारिश भरपूर होती है। ऐसे में मिट्टी की दीवारें मकान को ठंडक देती हैं। ताड़ के पत्तों मे बारिश की बूंदें नहीं ठहरती तो मकान सूखे व कीटाणु मुक्त रहते हैं।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय के बीच दो अक्टूबर से नवंबर माह तक एक स्पेशल कैंपेन चलाया गया। इसमें दस मंत्रालय आखिरी दौर में पहुंचे। इन दस मंत्रालय में आखिरी पायदान पर रेलवे व संस्कृति मंत्रालय के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। संस्कृति मंत्रालय के भी 48 विभागों के बीच मानव सर्वेक्षण विभाग के मैसूर व बस्तर के मॉडल को चुना गया। इसमें दोरला जनजाति के इस मकान (Dorla Tribe Houses)ने बाजी मार ली।
अजय श्रीवास्तव