बस्तर राजा के खिलाफ जनता कर रही सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी, ये है बड़ा विवाद
नक्सालियों के गढ़ ईलाके को ध्वस्त करने में इस कैंप की बेहद अहम भूमिका होती है और इसी वजह से यह बेहद संवेदनशील भी माना जाता है। किसी भी समय पाँच सौ से उपर जवान यहाँ मौजुद होते हैं। बीते तीन दिनों से इस कैंप के उपर अचानक रात को रौशनी मँडरा रही है।यह रौशनी बेहद कम देर के लिए रात के वक्त होती है।रात के वक्त आती यह रौशनी किसी उपकरण के ज़रिए पूरे कैंप पर घूमती है, लेकिन उसमें कोई आवाज नही आती है।छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, चार IAS के बाद 7 IFS का हुआ तबादला, यहां देखें डिटेल
सुकमा कप्तान शलभ वर्मा का कहना है “ऐसी सुचना है, रात के समय बहुत थोड़े वक्त के लिए तीन दिनों से रौशनी घूमने की खबर है। ड्रोन की आशंका से इंकार नही है। हम पता करने की कवायद कर रहे हैं” ।आपको बता दें सुकमा का किस्ताराम बहुत ही संवेदनशील इलाका है। यह तेलंगाना और आंध्रा का बॉर्डर भी है। घोर घने जंगल के बीच मौजूद पुलिस कैंप में इस तरह की गतिविधियों का देखा जाना चिंता का विषय है। यह नक्सलियों की बड़ी प्लानिंग हो सकती है। ड्रोन और अन्य आधुनिक तरीके से स्थान का जायजा लेकर हमले की तैयारी करना भी हो सकता है।
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