ज्यादा भाषाओं का सपोर्टर
जुकरबर्ग के मुताबिक मेटा का नया एआइ मॉडल पहले के मॉडल के मुकाबले अधिक भाषाओं को सपोर्ट करता है। इसके अलावा यह ज्यादा रीजनिंग उपलब्ध करा पाएगा। नए मॉडल में नया एआइ फीचर जोड़ा गया है। इसकी मदद से इमेज भी बनाई जा सकेगी। इस अल्ट्रा-फास्ट मॉडल को कहीं भी रन किया जा सकेगा। लोगों को सवालों का सटीक जवाब मिल सकेगा।
जुगरबर्ग ने किया बड़े बदलाव का दावा
जुकरबर्ग ने दावा किया कि एआइ मॉडल लामा 3.1 से दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसकी मदद से रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मानव जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में नवाचारों को बढ़ावा देने, स्टार्टअप शुरू करने में मदद मिलेगी। सीमित संसाधन वाले देशों के लोग लाभ उठा सकेंगे। ओपन सोर्स मॉडल होने के कारण लामा 3.1 को लाइसेंस के जरिए वाणिज्यिक या गैर-वाणिज्यिक रूप में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।