मोहनपुर नकटिया निवासी गोमती कश्यप ने बताया कि उसकी बड़ी बेटी उसी मॉल में करीब दो वर्षों से काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि पूनम कुछ समय से गुमसुम रहने लगी और घर पर आ कर रोती थी। काफी पूछने पर उसने बताया कि उसका नया मैनेजर उससे जबरन कोल्डड्रिंक की भारी पेटियां आदि उठवाता है। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। आरोप है कि जब पूनम ने मैनेजर से तबियत खराब होने की बात कही तो वह उसे अक्सर अकेले में अपने ऑफिस बुलाने लगा। पूनम के मना करने पर उसने कहा कि मेरा कुछ फायदा हो तो काम का लोड कम कर सकता हूं। आखिर में पूनम की तबियत ज्यादा खराब होने पर उसे भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 15 अप्रैल को पूनम की मौत हो गई।
मॉल स्थित उसी खाद्य पदार्थ के आउटलेट्स में काम करने वाली शाहजहांपुर निवासी काजल गंगवार भी अस्पताल में भर्ती है। उसका आरोप है कि जब से नए मैनेजर का चार्ज संभाला है वह आए दिन उसको परेशान करने लगा। विरोध करने पर मैनेजर ने गाली-गलौज की। मैनेजर की उच्च अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं कि गई। आरोप है कि मैनेजर कई बार गंदे कमेंट करता था। पीड़िता ने बताया कि उसका कुछ समय पहले ऑपरेशन हुआ था। पीड़िता ने मैनेजर से कहा था कि उसकी हालत खराब है फिर भी उन्होंने बात नहीं मानी और भारी कोल्डड्रिंक आदि की पेटियां उठवाई। आरोप है कि वह 20 लीटर की कई कैन उठाने से पीड़िता के टांके खुल गए तो उसकी तबियत बिगड़ गई। उसे फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया है।