साउथर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट सेंटर और सूरत टेक्समैच फेडरेशन (STF) के सहयोग से यह आयोजन का 10वां संस्करण है। प्रदर्शनी में टेक्सटाइल मशीनरी, टेक्सटाइल एंसिलरी और मशीनरी, टेक्निकल टेक्सटाइल मशीनरी, एयरजेट लूम्स, वॉटर जेट लूम्स, रैपियर लूम्स, इलेक्ट्रॉनिक जैक्वार्ड, डॉबी मशीन, वेलवेट वीविंग मशीन, सर्कुलर बुनाई, यार्न डाइंग, वार्पिंग मशीन, डिजिटल प्रिंटिंग मशीनरी, पोजिशन प्रिंटिंग शामिल हैं। मशीनें, विभिन्न मुद्रण स्याही, सिलाई मशीनें, फ़्यूज़िंग मशीनें और साथ ही बड़ी संख्या में मशीनरी और सहायक उपकरणों का प्रदर्शन होगा। यही कारण है कि कपड़ा उद्योग के सभी क्षेत्रों के प्रदर्शकों से इसके लिए काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
इस महत्वाकांक्षी प्रदर्शनी (Textile expo) का मुख्य उद्देश्य शहर के कपड़ा उद्योग को विश्व स्तर पर एक नई दिशा और गति देना है। कपड़ा प्रौद्योगिकी और मशीनरी के लिए इस प्रदर्शनी से सूरत के बढ़ते कपड़ा उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा। ‘सीटैक्स’ विकसित भारत (2047) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में काफी सहायक होगा।
प्रदर्शनी का उद्घाटन 20 जुलाई को होगा प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह 20 जुलाई 2024 को सुबह 10 बजे आयोजित किया गया है। इसमें भारत के माननीय केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी और प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी। भारतीय कपड़ा मंत्रालय के अतिरिक्त कपड़ा आयुक्त एस.पी. वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे।
आधूनिक तकनीक से लैस मशीनों का प्रदर्शन होगा प्रदर्शनी में भारत में निर्मित एयरजेट और वॉटरजेट मशीनरी के नवीनतम मॉडल्स का प्रदर्शन किया जाएगा। एयरजेट मशीनें ज्यादातर कपास पर आधारित होती हैं, लेकिन विस्कोस और पॉलिएस्टर का उत्पादन करने वाली एयरजेट मशीनें भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित होंगी। इस मशीनरी पर अलग-अलग धागों का भी प्रयोग किया जा सकता है, जिससे उत्पादन में 95 से 96 प्रतिशत तक निपुणता मिलती है।
सूरत टेकमैक फेडरेशन के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने बताया कि प्रदर्शनी में एयरजेट, वॉटर जेट, मोनो स्पैटिंग मशीन, डिजिटल प्रिंटिंग मशीन आकर्षण का केंद्र होंगी। एयर जेट मशीन पारंपरिक की तुलना में 7 से 8 गुना अधिक उत्पादन देती है। जबकि वॉटर जेट मशीन 6 से 7 गुना अधिक उत्पादन देती है। चार साल पहले डिजिटल प्रिंटिंग मशीनें 24 घंटे में 1,000 मीटर का उत्पादन करती थीं, जबकि प्रदर्शनी में प्रदर्शित होने वाली डिजिटल प्रिंटिंग मशीनें 24 घंटे में 6,000 मीटर का उत्पादन कर सकती हैं। इन मशीनों से पांच गुना ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है।
अब तक भारत में विभिन्न प्रदर्शनियों में 1100 से 1200 आरपीएम की स्पीड वाली मशीनें प्रदर्शित की गई हैं, जबकि इस प्रदर्शनी में एयरजेट 1600 आरपीएम की स्पीड वाली मशीन प्रदर्शित होगी।