झालावाड़ जिले के अभी वर्तमान में 18 हजार 90 किसानों पर 73 करोड़ 88 लाख रुपए का फसली ऋण बकाया चल रहा है। सरकार की ओर से निर्धारित तिथि तक ऋण जमा नहीं कराने वाले किसानों से डिफाल्टर होने के बाद ब्याज वसूला जाएगा।
साल में दो बार मिलता है ऋण
किसानों को बीज, खाद, उर्वरक कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदने के लिए सहकारी बैकों के माध्यम से अल्पकालीन व दीर्घकालीन लोन उपलब्ध कराया जाता है। सहकारी बैक से दिए जाने वाले फसली लोन वर्ष में दो बार दिया जाता है। यह लोन समय पर चुकाने पर ब्याज नहीं देना पड़ता है। केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों के अनुसार सहकारिता बैकों द्वारा वितरित होने वाला अल्पकालीन फसली ऋण खरीफ सीजन में 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक दिया जाता है तथा रबी सीजन में 1 सितबर से 31 मार्च तक किसानों को वितरित किया जाता है।
किसानों को डिफॉल्टर होने से बचाने के लिए सहकारी बैकों में रबी सीजन का बकाया ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 30 जून तक कर दी है। निर्धारित तिथि तक ऋण नहीं चुकाने पर संबंधित किसानों को मूल रकम ब्याज के साथ वसूल की जाएगी।
रामप्रसाद मीणा, एमडी, सहकारिता विभाग झालावाड़ प्राकृतिक आपदा के कारण जिले में फसलों का उत्पादन प्रभावित हो गया था। इससे किसानों को काफी नुकसान पहुंचा था। ऐसे में किसान सहकारी बैकों का फसली ऋण नहीं चुका पाए। सरकार को ऋण चुकाने के लिए और मोहलत देनी चाहिए।
कन्हैयालाल, किसान सुनेल