दुख से उबरने में नहीं मिलती मदद जो माता-पिता अपने बच्चों को माता या पिता के निधन से उबरने में मदद करना चाहते हैं, वे जल्द ही डेडबॉट्स की ओर रुख कर सकते हैं। लेकिन इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि ऐसा करने से बच्चों को दुख से उबरने में मदद मिलती है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है, “कोई भी पुन: निर्माण सेवा यह साबित नहीं कर सकती है कि बच्चों को ‘डेडबॉट्स’ के साथ बातचीत करने की अनुमति देना फायदेमंद है।”
रिटायर करने की प्रक्रिया हो मृतकों की गरिमा बनाए रखने के साथ जीवत लोगों के मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि ऐसी सेवाओं पर कुछ नियम लागू किए जाएं। उदाहरण के लिए, ऐसी सेवाओं में डेडबॉट्स को संवेदनशील रूप से “रिटायर” करने की प्रक्रियाएं होनी चाहिए, और उनकी इंटरैक्टिव सुविधाओं को केवल वयस्कों तक ही सीमित रखना चाहिए, साथ ही वे कैसे काम करते हैं और किसी भी कृत्रिम प्रणाली की सीमाओं के बारे में बहुत पारदर्शी होना चाहिए। किसी मृत प्रियजन को फिर से बनाने के लिए चैटजीपीटी-स्टाइल एआइ प्रणाली का उपयोग करने का विचार कोई कोरी कल्पना नहीं है। 2021 में, जोशुआ बारब्यू ने अपनी मृत प्रेमिका की आवाज के साथ बात करने वाले चैटबॉट बनाने के लिए जीपीटी-3 का उपयोग करने के बाद सुर्खियां बटोरीं और उससे छह साल पहले, डेवलपर यूजेनिया कुयदा ने अपने एक करीबी दोस्त के टेक्स्ट संदेशों को चैटबॉट में बदल दिया, जिसके परिणामस्वरूप एआइ कंपेनियन ऐप रेप्लिका का निर्माण हुआ।