प्रभावितों के बीच पहुंचे कलेक्टर
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने केन बेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित ग्रामों बसुधा एवं भौरखुवां में जन चौपाल के माध्यम से ग्रामवासियों की समस्याओं को सुना। उन्होने कहा कि डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामवासियों की संतुष्टि बहुत महत्वपूर्ण है एवं ग्रामवासियों से मुआवजा राशि खाते में आने से संबंधित समस्याओं का निराकरण त्वरित रूप से करने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि मकान का मूल्यांकन बिल्कुल बेहतर तरीके से करें। हर एक शिकायत को गंभीरता से लेने और जिनकी जमीन डूब क्षेत्र में आ रही है उनको मुआवजा राशि खाते में ट्रांसफर जल्द करवाने के निर्देश दिए।
इन चार जगहों में विस्थापित होंगे प्रभावित
केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रभावितों के विस्थापन की रणनीति पर काम किया जा रहा है। छतरपुर जिले के प्रभावित 14 गांव के ग्रामीणों को चार गांवों में बसाया जाएगा। इन गांवों में भरकुआं, ढोढन, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोंहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा शामिल हैं। इन गांवों के विस्थापित परिवारों को भैंसखार, राइपुरा, नंदगांयबट्टन और किशनगढ़ में बसाया जाएगा। इन चारों स्थानों पर जमीन को चिह्नित कर लिया गया है।
दमोह पन्ना का सिंचाई क्षेत्र बढ़ाया जाएगा
परियोजना में दमोह, पन्ना छतरपुर में सिंचाई योजना से 90100 हैक्टेयर सिंचाई के स्थान पर 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर की मध्यप्रदेश की पतने और व्यारमा सिंचाई परियोजना को शामिल किए जाने की बात मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के सामने रखी है। इस संबंध में संशोधित डीपीआर राज्य शासन ने भेजा है। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने जल्द स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
मुख्य बांध में प्रभावित दस गांव
गांव प्रभावित घर बसौदा 39 भरकुआं 57 ढोढन 132 घौरारी 33 खरियानी 300 कुपी 512 मैनारी 75 पलकोंहा 452 शाहपुरा 88 सुुकवाहा 225