एमएमयू में होंगे एक से तीन वाहन
आमतौर पर एक एमएमयू में एक वाहन होगा, वहीं मध्य प्रदेश के जिन क्षेत्रों में सुविधाओं की कमी है या मरीजों की संख्या ज्यादा है तो दो और तीन वाहन भी हो सकते हैं। एक से अधिक वाहन होने पर एक वाहन का उपयोग चिकित्सा और पैरा-मेडिकल कर्मियों के परिवहन के लिए होगा।एक चिकित्सा अधिकारी के साथ होगा ये स्टाफ
इसमें एक वाहन में एक चिकित्सा अधिकारी, एक नर्स, एक लैब तकनीशियन, एक फार्मासिस्ट सह प्रशासनिक सहायक और एक ड्राइवर सह सहायक कर्मचारी शामिल हैं।![hospital on wheel](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/07/hospital-on-Wheel-1.jpg?resize=1024,640)
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एक एमएमयू हर दिन 60 मरीजों का करेगी इलाज
एक एमएमयू प्रति 10 लाख जनसंख्या पर चलाई जाएगी, वहीं एक जिले में ज्यादा से ज्यादा 5 एमएमयू ही होंगी। विशेष स्थिति में इन नियमों में बदलाव भी किया जा सकता है। मध्यप्रदेश में एक एमएमयू 30 से 60 मरीजों को हर दिन इलाज मुहैया कराएगी। सभी जांच से लैस वैन के संचालन व लागत के लिए 24 लाख रुपए का बजट तय किया गया है।ये सेवाएं मिलेंगी
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- मातृ स्वास्थ्य
- नवजात और शिशु स्वास्थ्य
- बाल और किशोर स्वास्थ्य
- प्रजनन स्वास्थ्य और गर्भनिरोधक सेवाएं
- पुरानी संक्रामक बीमारियों का प्रबंधन
- सामान्य संक्रामक बीमारियों का प्रबंधन
- ओपीडी देखभाल
- सामान्य गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन
- मानसिक बीमारी का प्रबंधन
- दंत चिकित्सा देखभाल
लगातार किया जा रहा है काम
स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर से बेहतर हो इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। एमएमयू उसी योजना का एक हिस्सा है। इसके संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।– नरेंद्र शिवाजी पटेल, राज्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग