खनिज विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी काबरा ने बताया कि भीलवाड़ा जिले की तहसील मांडलगढ़ व बिजौलियां तथा चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं में स्वीकृत क्वारी लाइसेंस से निकलने वाले खनिज सैंड स्टोन की गुणवत्ता, आकार व माप के आधार अधिशुल्क (रॉयल्टी), तुलाई शुल्क, डीएमएफटी तथा आरएसएमईटी के संग्रहण के लिए ठेका जयपुर की शिवा कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड को 55 करोड़ रुपए का दिया था। इसकी अवधि 13 अप्रेल 2024 से 31 मार्च 2026 तक के लिए थी। 13 मई से 12 जून 2024 तक 4 करोड़ 58 लाख 33451 रुपए बकाया होने व खनिज विभाग बिजौलियां से डिमांड नोटिस जारी करने के बाद भी राशि जमा न कराने पर ठेका राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 के नियम 44 (26) एवं ठेके की संविदा शर्तों के अनुसार प्रतिभूति राशि 5 करोड़ रुपए को जब्त करते हुए खंडित कर दिया।
लगाने होंगे कर्मचारी मांडलगढ़, बिजौलियां तथा बेगूं से निकलने वाले सैंड स्टोन पत्थर की रॉयल्टी व अन्य मदों की राशि वसूलने के लिए इन तीनों क्षेत्र में दस नाके स्थापित किए जाने हैं। विभाग के पास कर्मचारी नहीं होने से रॉयल्टी चोरी होने की संभावना रहेगी। इस चोरी को रोकने के लिए भीलवाड़ा के अधीक्षण अभियंता ओपी काबरा ने दस अतिरिक्त कर्मचारी की मांग की। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बजरी का अवैध दोहन व परिवहन को रोकने के लिए बनास नदी के लिए कम से कम 30 बोर्डर होमगार्ड, 10 वाहन व अन्य कर्मचारियों की भी मांग की है।
इन मदों में बकाया थी राशि
- रॉयल्टी व तुलाई फीस- 4,10,01,933 रुपए
- डीएमएफटी शुल्क – 40,26,265 रुपए
- आरएसएमईटी शुल्क- 8,05,253 रुपए
- कुल योग – 4, 58, 33,451 रुपए