जानकारी अनुसार गांधी पार्क में हुई बैठक मुख्य वक्ता पूर्व पार्षद शेरसिंह खटीक ने कहा कि मुख्य बाजार में बिगड़े आवागमन की समस्या को रेहडिय़ों से जोडऩा उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बाजार में चौपहिया व दुपहिया वाहनों का अव्यवस्थित व मनमाने तरीके से खड़ा होना ही इस समस्या का मुख्य कारण है। उनका कहना था कि प्रशासन को उन वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो अव्यवस्थित तरीके से वाहन पार्क करते हैं, न कि उन्हें परेशान किया जाए जो अपनी रोजी-रोटी के लिए रेहड़ी लगाते हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर को लोन व अन्य सुविधाएं देने की बजाय उनके रोजगार पर डंडा चलाया जाएगा तो यह सहन नहीं होगा। मौके पर वेंडर यूनियन के कोषाध्यक्ष लेखराज सूर्यवंशी, ओमप्रकाश सोलंकी, सतीश धानका, रिंकू पांडे, अनिला बिल्ला, अंकित अनुपानी, पूर्णचंद टेकवानी, राजा बोधियानी, कालू नायक व श्रवण कुमार आदि ने भी प्रशासन के निर्णय पर सवाल उठाया। वेंडर्स ने निर्णय किया कि वे सोमवार को नगरपालिका परिसर में प्रदर्शन करेंगे और प्रशासन का ज्ञापन सौंपकर यह मांग करेंगे कि मुख्य बाजार में आवागमन की समस्या को दूर करने के लिए उचित उपाय किए जाएं, न कि उन्हें हटाया जाए।
रेहडिय़ां हटी तो बाजार में छा जाएगी वीरानी!
वेंडर कमेटी के अध्यक्ष मोहन कल्याणा ने कहा कि यदि मुख्य बाजार से उन्हें हटाया जाता है तो इससे ना केवल बाजार की गतिविधि प्रभावित होगी बल्कि उनके रोजगार पर भी संकट आ जाएगा। उन्होंने कहा कि रेहडिय़ां बाजार की पहचान और जीवंतता का हिस्सा हैं। ऐसे में यदि उन्हें हटाया गया तो बाजार में वीरानी छा जाएगी। उन्होंने कहा कि जब दुकानदारों व आमजन को रेहडिय़ों से दिक्कत नहीं है तो प्रशासन क्यों उनकी रेहडिय़ां वहां से हटाना चाहता है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में उन्हें भूख हड़ताल भी करनी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
प्रशासन दे चुका है चेतावनी
गौरतलब है कि आवागमन सुगम बनाने के लिए राज्यव्यापी अभियान के तहत प्रशासन की ओर से मुख्य बाजार में शटरलाइन के बाहर दुकानों के आगे सामान रखकर अस्थायी या अन्य किसी तरीके से किया स्थायी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। वहीं, पुरानी धानमंडी की पिड़ संख्या एक व तीन को वेंडिंग जोन बनाकर वहां फल-सब्जी की समस्त रेहडिय़ों के खड़े होने का स्थान तय किया गया है। इस संबंध में दुकानदारों से दो बार वार्ता हो चुकी है और इसके लिए 23 जनवरी तक का समय दिया गया है। वहीं, तय समय अवधि के बाद आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित के विरुद्ध जुर्माना वसूलने के साथ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।