इधर, दिल्ली की स्पेशल सेल टीम ने
श्रीगंगानगर, हरियाणा के अबूबशहर, पंजाब के अबोहर और दिल्ली में अलग-अलग कार्रवाई करते हुए सभी शूटर को काबू किया था। इन शूटरों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वे सुनील पहलवान की हत्या करने की साजिश रच चुके थे। पहलवान के घर और उसके ऑफिस के ठिकानों पर दो बार रैकी भी करने के लिए श्रीगंगानगर में ठहरे थे।
लॉरेंस के गुर्गे ने खोला था राज
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की प्रभारी और हनुमानगढ़ मूल की आइपीएस प्रतीक्षा गोदारा ने तकनीकी इनपुट के आधार पर गैंगस्टर लॉरेंस
बिश्नोई के बिहार निवासी सक्रिय गुर्गे (शूटर) रितेश कुमार दास उर्फ हरिया को 23 अक्टूबर को दिल्ली में गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। आरोपी रितेश ने पूछताछ के दौरान पूर्व विधायक के भानजे पर अटैक करने की साजिश की कहानी बयां की थी।
इस आरोपी की पूछताछ के आधार पर आरोपियों सुखराम, साहिल बिश्नोई, अमर सिंह, बादल, प्रमोद और संदीप को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों से 7 स्वचालित हथियार व 24 जिंदा कारतूस बरामद किए।
जब हो रही थी पूछताछ तब की जा रही थी रैकी
दिल्ली पुलिस जब लॉरेंस गैंग के गुर्गे रितेश से पूछताछ कर रही थी तब श्रीगंगानगर में सुखराम यहां रैकी कर रहा था। दिल्ली स्पेशल सेल ने सुखराम को काबू कर पूछताछ में यह खुलासा किया कि उसे भगौड़े अनमोल बिश्नोई और अबोहर क्षेत्र के रहने वाले नवीन उर्फ आरजू बिश्नोई से निर्देश मिल रहे थे। अनमोल व नवीन ने रितेश व सुखराम को पंजाब के शूटर प्रमोद व संदीप से मिलने के लिए कहा था। इन्हें सुनील पहवान पर हमला करने का टारगेट दिया था। विदित रहे कि आरजू बिश्नोई उर्फ नवीन ने पिछले साल सुनील पहलवान को फोन पर धमकी दी थी और इस संबंध में सदर थाने में मामला भी दर्ज किया गया था। लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई।
दिल्ली पहुंची जवाहरनगर पुलिस की टीम
बड़े खुलासे के बाद श्रीगंगानगर पुलिस प्रशासन ने दिल्ली में काबू में आए सात शूटरों से पूछताछ के लिए जवाहरनगर थाने के सीआई देवेन्द्र सिंह को जिम्मेदारी दी है। पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि जवाहरनगर सीआई को श्रीगंगानगर के पुरानी आबादी इलाके से पकड़े गए सुखराम से पूछताछ कर अन्य लोगों की भूमिका के बारे में जानकरी जुटाने के लिए अधिकृत किया है। आरोपी सुखराम को श्रीगंगानगर में लोकल अपराधी किस स्तर पर जानकारी दे रहे थे, इनके अपराधियों के नाम आदि के बारे में फीडबैक लेना है।