व्यापारियों की पीड़ा, सख्ती ज्यादा बर्दाश्त नहीं
इस बीच, संयुक्त व्यापार मंडल अध्यक्ष तरसेम गुप्ता का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग से वैसे ही दुकानों पर ग्राहकी सीमित रह गई हैं। बाजार में ट्रैफिक बार बार चालान काटने को आतुर रहती हैं, ऐसे में ग्राहक बिदकने लगे हैं। दुकानदारों की पीड़ा का ख्याल रखना भी जरूरी हैं। शहर में यातायात व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन इतनी भी ज्यादा सख्ती नहीं कि ग्राहक बाजार आने से कतराने लगे।
संकरी हो रही है गलियां, बढ़ रहा ट्रैफिक
यातायात प्रभारी बीका का कहना था कि बाजार एरिया में गलियां संकरी हो रही है और यातायात का बोझ लगातार बढ रहा हैं। यातायात पुलिस एक दिन बाजार एरिया में व्यवस्था नहीं संभालेगी तो वहां सब्जी मंडी बन जाएगी।
इन्हाेंने भी बाजार एरिया में डाला डेरा
अम्बेडकर चौक से लेकर रवीन्द्र पथ तक वाहनों की अधिक आवाजाही हो रही हैं। ई रिक्शा के अलावा जुराब बेचने वाले, खिलौने बेचने वाले, मूंगफली बेचने के रेहड़ी वालों ने भी सड़क पर डेरा डाल लिया हैं। इससे बाजार एरिया में खरीददारी करने आए लोगों को सड़क क्रॉस करने में बाधा आ रही हैं। इधर, दुकानदारों का कहना था कि तहबाजार और सदर बाजार में दुकानदारों ने तो पूरी रोड को ही जाम कर रखा हैं। ट्रैफिक पुलिस का डंडा वहां क्यों नहीं चलता। यही हाल बीरबल चौक क्षेत्र का हैं, यहां सिर्फ दुपहिया वाहनों के चालान किए जाते है लेकिन टैम्पों चालकों को रोकने के लिए पुलिस हिम्मत नहीं करती हैं।