परिणाम जारी होने के बाद वर्ष 2012 की भर्ती के तहत और अधिक अभ्यर्थियों के चयन होने की संभावना है। परिणाम जारी करने के लिए पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों को पत्र लिखकर अपने प्रतिनिधि नियुक्त करने का आदेश दिया है, जो 30 नवम्बर को जयपुर पहुंचकर अपने-अपने जिलों का परिणाम प्राप्त करेंगे। अब उन शिक्षकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, जो मेरिट में किनारे पर हैं।
शिक्षक भर्ती परीक्षा एक नजर – 3022 हजार पदों के लिए वर्ष 2012 में निकली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती – 2 जून, 2012 को हुई परीक्षा – अगस्त, 2012 में जारी हुआ परिणाम
– अगस्त, 2013 में दूसरी जारी हुआ संशोधित परिणाम – 850 नव चयनित अभ्यर्थियों को दी नियुक्ति – 30 जुलाई, 2014 को जारी की गई पुन: संशोधित उत्तर कुंजी – 30 नवम्बर, 2016 को तीसरी बार जारी होगा परिणाम
पहले ही बिगड़ चुकी है ‘पंचायतीÓ तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा २०१२ की ‘पंचायतीÓ पहले ही बिगड़ चुकी है। राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहली बार आरपीएससी की बजाए वर्ष २०१२ में पंचायती राज विभाग के माध्यम से राज्य में करीब 40 हजार पदों के लिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित करवाई। परीक्षा होते ही अभ्यर्थियों ने भर्ती पर सवाल खड़े कर दिए। यह पहली भर्ती थी जिसको लेकर सबसे ज्यादा अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में गए और सरकार को बार-बार परिणाम संशोधित करने पड़े।
पदों से ज्यादा हो गया चयन अगस्त २०१३ में शिक्षक भर्ती का परिणाम संशोधित करते ही पूरी मेरिट लिस्ट बदल गई। जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ था उनमें से सैकड़ों बाहर हो गए, जबकि उनके स्थान पर सैकड़ों अभ्यर्थी नए चयनित हो गए। तत्कालीन सरकार ने विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण बाहर होने वाले अभ्यर्थियों को निकालने की बजाए नए चयनित होने वालों को रिक्त पदों पर नियुक्ति दे दी। अकेले नागौर में ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या करीब ८५० थी। प्रदेश में यह आंकड़ा हजारों में था।
फिर नई समस्या खड़ी हुई इस बीच ऐसे अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग करने लगे, जो मेरिट में तो नहीं थे, लेकिन उनके अंक उन अभ्यर्थियों से ज्यादा थे, जिनका पहली बार चयन हो गया, लेकिन संशोधित परिणाम जारी होने पर वे मेरिट से बाहर हो गए। हाईकोर्ट के निर्देश पर मेरिट से बाहर होने के बावजूद एेसे अभ्यर्थियों को बाहर नहीं निकाला गया तो नौकरी से वंचित अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए। उनका कहना था कि उनसे कम अंक वाले जब नौकरी कर रहे हैं तो फिर उन्हें भी नियुक्ति दी जाए।