ऐसे आया जांच एजेंसी के हाथ यह तस्कर
एनसीबी की अजमेर की टीम ने मुखबिर की सूचना पर सूरतगढ़ -अबोहर बाइपास पर नेतेवाला गांव के पास 9 सितम्बर 2020 को चाय की थड़ी पर खड़े ट्रक की तलाशी ली। इस ट्रक के चालक जोधपुर जिले के गांव मनेवाड़ा निवासी अर्जुनराम उर्फ पप्पू पुत्र बक्शाराम बिश्नोई ने पहले आनाकानी की। जब ट्रक को जांचा तो उसने स्वीकारा कि पूरे ट्रक में नशे के इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का जखीरा भरा हुआ है। इस जांच टीम ने ट्रक में कुल 69 बॉक्स मिले। इसमें से 55 हजार 200 टेबलेट अल्प्राजोलम की मिली, इसका वजन किया गया तो आठ किलो चार मिलीग्राम हुआ। इसी प्रकार पचास हजार टेबलेट ट्रामाडोल की मिली, इनका कुल वजन बीस किलो चार सौ ग्राम मिला। यह ट्रक जोधपुर से अबोहर के आजमवाला निवासी सुखा दुकानदार को देसी घी की सप्लाई देने जा रहा था। ट्रक मालिक जोधपुर निवासी भंवरलाल बताया गया। जांच एजेंसी ने इस नशे की खेप की तस्करी के आरोप में चालक जोधपुर जिले के गांव मनेवाला निवासी अर्जुनराम उर्फ पप्पू पुत्र बक्शाराम बिश्नोई, जोधपुर क्षेत्र गांव मूलराज निवासी सुनील पुत्र अर्जुनराम बिश्नोई और जोधपुरजिले की फलौदी क्षेत्र हसलियों की ढाणी निवासी मदनलाल पुत्र गोर्वधनराम को एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़तार किया और अदालत में चालान पेश किया।एनसीबी की टीम ने किया काफी पीछा
इस मामले में एनसीबी को सूचना मिली कि नशे के इस्तेमाल होने वाली दवाइयों सेभरा यह ट्रक पंजाब जा रहा हैं, इस पर एनसीबी की टीम ने काफी पीछा किया। इस ट्रक का चालक गांव नेतेवाला के पास चाय की थड़ी पर चाय पी रहा था तब यह जांच एजेंसी के काबू में आ गया। इस ट्रक में देसी घी और अन्य खाद्य सामग्री की सप्लाई की आड़ में नशे की तस्करी खेल चल रहा था। विशिष्ट लोक अभियोजक अग्रवाल ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों की लंबी सुनवाई के उपरांत आरोपी अर्जुन उर्फ पप्पू को दोषी मानते हुए बीस साल कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि जमा नहीं कराने पर तीन साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जबकि आरोपी सुनील व मदनलाल को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।