रंग भी रहा एक कारण
गंगानगर शुगर मिल में निर्मित चीनी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की मिलों में तैयार होने वाली चीनी से कम सफेद होने के कारण भी प्रबंधन स्थानीय व्यापारियों को ही प्राथमिकता दे रहा था। मिल प्रबंधन को शायद यह डर था कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की चीनी मिलों में बनने वाली सफेद रंग की चीनी का मुकाबला हल्का पीला पन लिए गंगानगर शुगर मिल की चीनी नहीं कर पाएगी। इसी डर के चलते गंगानगर शुगर मिल की चीनी व्यापारियों के तय किए हुए भाव पर बिकती रही।
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नए महाप्रबंधक भवानी सिंह पंवार ने अपनाई नई व्यवस्था
शुगर मिल के महाप्रबंधक का कार्यभार मई 2022 में भवानी सिंह पंवार ने संभाला। चीनी की बिक्री के लिए अपनाई गई व्यवस्था और चीनी के रंग में सुधार उनके लिए दो बड़ी चुनौतियां थी। बिक्री के लिए उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल तैयार करवाया और चीनी नीलामी की निविदा उस पर अपलोड की जाने लगी। इसी साल अप्रेल में यह व्यवस्था शुरू हुई तो पंजाब व हरियाणा के व्यापारी भी चीनी खरीदने के लिए आगे आ गए।
भाव बढ़े अब रंग भी बदलेगा
इसका फायदा यह हुआ कि आमतौर पर चीनी के जो भाव मिलते थे, उससे दो रुपए ज्यादा भाव पंजाब व हरियाणा के व्यापारियों के आगे आने से मिले। रही बात चीनी के रंग में सुधार की बात तो अब चीनी का हल्का पीला पन भी काफी हद तक दूर हो गया है। भविष्य में यह उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र की मिलों में बनने वाली चीनी जैसे दिखने लगेगी।
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