पीकेएल 11 में पाइरेट्स की सबसे बड़ी ताकत उनके आक्रमण और रक्षा दोनों में उनकी टीम की गहराई है। सीजन 11 के खिलाड़ियों की नीलामी में उन्होंने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खरीदा, जिसमें डिफेंडर शुभम शिंदे 70 लाख रुपये में सबसे महंगे खिलाड़ी रहे, जबकि ऑलराउंडर गुरदीप 59 लाख रुपये में दूसरे स्थान पर रहे। उनकी रेडिंग यूनिट का नेतृत्व सुधाकर एम कर सकते हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू अभियान में शानदार प्रदर्शन किया था और 103 रेड पॉइंट हासिल किए थे। संदीप कुमार टीम के एक अन्य रेडर हैं, जो पाइरेट्स के लिए अपने पिछले 86 रेड पॉइंट को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे।टीम के अटैक में मीतू शर्मा और जैंग ली जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने क्रमशः 267 और 471 रेड पॉइंट हासिल किए हैं।
डिफेंस में इस बार भी दिखेगा जलवा
पटना पाइरेट्स के पास डिफेंस में भी काफी ऑप्शन है। शुभम शिंदे और दीपक सिंह, जिन्होंने पीकेएल में क्रमशः 151 और 61 टैकल पॉइंट अर्जित किए हैं, डिफेंस में उनके अगुआ होने की उम्मीद है, जबकि ऑलराउंडर गुरदीप और अंकित के भी योगदान देने की संभावना है। गुरदीप ने पीकेएल में 85 टैकल पॉइंट अर्जित किए हैं, जबकि अंकित ने अपने एकमात्र सीजन में अब तक 66 टैकल पॉइंट हासिल किए हैं। जहां तक कमजोरियों की बात है, तो पिछले सीजन के समान गुणवत्ता वाले प्रतिस्थापनों की कमी, आक्रमण और रक्षा दोनों में पाइरेट्स को संभावित रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
रेडिंग विभाग में अनुभव की कमी
पटना पाइरेट्स की रेडिंग यूनिट को ज्यादातर मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए, जिससे पहले से ही बोझिल और अनुभवहीन आक्रमण पर दबाव बढ़ जाएगा। तीन बार की चैंपियन टीम को उम्मीद होगी कि अनुभवी जैंग ली और मीतू शर्मा अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करें , क्योंकि पिछले कुछ सीजन में वे बेहतरीन फॉर्म में नहीं रहे हैं।