हुसैन ने मैच समाप्त होने के बाद स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पर कहा, “एक टीम के रूप में, आपको यह सीखने की जरूरत है कि घर से बाहर कैसे जीता जाए। यही इंग्लैंड की टीम ने पाकिस्तान में किया है। वे इस साल की शुरुआत में भारत में ऐसा नहीं कर सके। अगले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, घर से बाहर एशेज सीरीज और यही वह जगह है जिसे जीतने के लिए इंग्लैंड के बहुत से प्रशंसक बेताब हैं।”
“ऑस्ट्रेलिया में स्थिति इतनी खराब नहीं होगी, लेकिन अप्रैल में लॉर्ड्स में ड्यूक्स बॉल के साथ वे इससे भी बदतर होंगी। इसलिए ब्रायडन कार्स और गस एटकिंसन जैसे खिलाड़ी महत्वपूर्ण हैं। एटकिंसन इस पिच पर अभी भी काफी मजबूत दिखे, जिससे पता चलता है कि इंग्लैंड में अपनी सफलता के बाद वे विदेशी पिचों पर भी अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, आपके बल्लेबाजों को भी प्रदर्शन करना होगा। इंग्लैंड में पहली पारी में 300 रन बनाने पर आप आम तौर पर मैच जीत जाते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ऐसा करने पर आप आम तौर पर हार जाते हैं। आपको बड़ा स्कोर बनाने की जरूरत है।”
पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने भी मुल्तान में मेहमान टीम की जीत पर आश्चर्य व्यक्त किया, हालांकि उन्होंने खेल में बल्ले और गेंद के बीच संतुलन की कमी की आलोचना की। उन्होंने कहा, “मुल्तान में इंग्लैंड का असाधारण प्रदर्शन और जीत शानदार है। पाकिस्तान वहां पहली पारी में 500 से अधिक रन बनाने के बाद पारी से हारने वाली पहली टीम बन गई है। हमने कितने टेस्ट मैच खेले हैं?
“2,500 से ज्यादा…मैच में अब ज्यादा ‘पहली बार’ होने की संभावना नहीं है। यह एक चौंकाने वाली टेस्ट पिच थी, इस तथ्य के बावजूद कि इसका नतीजा निकला। टेस्ट क्रिकेट को पांच दिनों तक खींचने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि पिच में बदलाव होना चाहिए और बल्ले और गेंद के बीच संतुलन होना चाहिए।”
नियमित कप्तान बेन स्टोक्स के 15 अक्टूबर से मुल्तान में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में वापसी करने की संभावना है। ऐसे में प्लेइंग-11 से किसका पत्ता कटेगा यह देखना दिलचस्प होने वाला है।