वीएफजे का यह दूसरा कारनामा है। मूलत: सेना के वाहनों का निर्माण करने वाली कम्पनी ने सारंग तोप के अपग्रेडेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सारंग तोप का परीक्षण राजस्थान में किया गया था और वह खरी उतरी है। इसका प्रदर्शन भी डिफेंस एक्सपो में किया गया और उसे सराहना मिली थी। इसी कौशल को देखते हुए टी-72 तोपों के मरम्मत का काम सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार पहले यह काम चेन्नई की अवाडी फैक्ट्री में होता था। लेकिन नए सिरे से आवंटन होने के बाद 80 टी-72 तोप वीएफजे को दी गईं हैं। जो जल्दी ही मरम्मत का काम करेगी। बताया गया है कि कम्पनी पहले भी टैंकों के पुर्जे बनाने और इंजन सुधारने का काम कर चुकी है। इसी कौशल की परख के बाद यह नई जिम्मेदारी मिली है।
टी-72 तोपों के लिए वीएफजे परिसर में तैयारी की जा रही है। टैंकों के मूवमेंट के लिए अलग से बेड यानी की रास्तों का निर्माण किया जा रहा है। टैंकों को सुरक्षित खड़ा करने के लिए अलग से शेड तैयार किए गए हैं। वहीं, नए सिरे से टूल रूम भी तैयार किया जा रहा है। चेन्नई अवाडी से प्रशिक्षण से आग्रह किया गया था, जिसकी सहमति के बाद टीमें वहां भेजी जा रही हैं।