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हाथी-मानव द्वंद्व रोकने अधिकारियों ने किया मंथन, 5 साल की प्लानिंग पर हुई चर्चा

पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने की समीक्षा, अधिकारियों ने हाथियों के प्रवास और प्रबंधन पर दिया प्रजेंटेशन

शाहडोलDec 27, 2024 / 12:08 pm

Ramashankar mishra

शहडोल. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने हाथी प्रबंधन को लेकर किए जा रहे कार्यों व भविष्य की कार्ययोजना की समीक्षा की। बैठक में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के साथ ही 10 वनमंडल के 35 से अधिक एसीडीओ, रेंजर व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर हाथियों को लेकर अध्ययन, प्रबंधन, प्रवास को लेकर समीक्षा की गई। कर्नाटन सहित अन्य जगहों से हाथी प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे एसडीओ व रेंजर से प्रदेश में किए जाने वाले प्रयासों, उपायों, संसाधनों व सुविधाओं को लेकर जानकारी ली गई। उन्होने प्रशिक्षण के दौरान क्या सीखा, वहां हाथी मानव द्वंंद्व रोकने क्या प्रयास किए जा रहे हैं इस पर चर्चा की गई। एसडीओ व रेंजर ने रेलवे बेरिकेडिंग, मुआवजा के लिए पोर्टल, सोलर फेसिंग की तरह वहां पर एडवांस टेंटिकल फेंसिंग, थर्मल ड्रोन निगरानी सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी दी। साथ ही हाथी प्रभावित क्षेत्रों में किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में अपनी बात रखी।

आगामी 5 वर्ष के लिए क्या कार्ययोजना
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने वनमंडलवार आगामी 5 वर्ष में जंगली हाथियों के मैनेजमेंट को लेकर क्या तैयारी इस पर चर्चा की। उन्होने कहा कि जंगली हाथियों को किस तरह से मैनेज किया जाए, हाथी मानव द्वंद रोकने, ग्रामीणों को होने वाले नुकसान से बचाव सहित अन्य तैयारियों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

थर्मल ड्रोन, बेरिकेडिंग व कई प्रयासों पर चर्चा
समीक्षा बैठक में कर्नाटक व अन्य क्षेत्रों से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे अधिकारियों ने अपने अध्ययन के विषय में बात रखी। उन्होने बताया कि वहां किस प्रकार से हाथियों को मैनेज किया जाता है। इन्हे रोकने के लिए रेलवे बेरिकेडिंग, सोलर फेसिंग की तरह वहां पर एडवांस टेंटिकल फेंसिंग के साथ ही निगरानी के लिए थर्मन ड्रोन के उपयोग के अलावा नुकसान होने पर ग्रामीणों को तत्काल मुआवजा प्रदान करने बनाई गई व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी साझा की। साथ ही रेस्क्यू व निगरानी के साथ हाथियों को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए कुमकी हाथी दल के विषय में भी बताया।

महुआ रखने तैयार कराएं गोदाम
अधिकारियों ने कहा कि जंगली हाथी ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ की महक से पहुंचकर घरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए महुआ को गोदामों में सुरक्षित रखाया जाए। धान की फसलों को कटाई के बाद सुरक्षित रखा जाए, जिससे कि किसानों की फसलों को हाथी नुकसान न पहुंचा पाए। इसके अलावा मुआवजा नीति को लेकर भी अधिकारियों ने चर्चा की कि कैसे ग्रामीणों की नाराजगी भी कम की जा सकती है।

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